संस्कृत विद्यालय की बदहाली पर प्रशासन की आँखे बंद, शिक्षक मस्ती में, निरीक्षक बेखबर

संस्कृत विद्यालय की बदहाली पर प्रशासन की आँखे बंद, शिक्षक मस्ती में, निरीक्षक बेखबर

ब्यूरो प्रमुख : राजनारायण मिश्र, महराजगंज ,आजमगढ़ 

आज के इस आधुनिक युग में, जहां सरकार और शिक्षा विभाग यह दावा करते हैं कि देशभर में शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है, वहीं कुछ विद्यालयों की स्थिति उनके दावों की सच्चाई पर सवाल उठाती है| जिले के कई संस्कृत विद्यालय, जिसे शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संस्थान माना जाता है , अब अपनी बदहाली पर रो रहा है| इस विद्यालय की स्थिति यह बताती है कि जिले के शिक्षा प्रशासन ने इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है |विद्यालय के शिक्षक अपनी मस्ती में खोए हुए हैं और जिला विद्यालय निरीक्षक इस पूरी स्थिति से अनजान बने हुए हैं|जिले के संस्कृत विद्यालय की हालत अब किसी से छिपी नहीं है | शिक्षा के इस मंदिर में इस समय छात्रों को किसी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं| अध्यापकों की लापरवाही और जिला विद्यालय निरीक्षक की अनदेखी के कारण विद्यालय का माहौल शिक्षा के लिए प्रतिकूल बन चुका है | जहां एक ओर विद्यालय प्रशासन इन समस्याओं को सुलझाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की लापरवाही लगातार बढ़ने के कारण संस्कृत विद्यालय की स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है |यह स्थिति न केवल संस्कृत विद्यालयों के भविष्य के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि संस्कृत शिक्षा के महत्व को भी तौड़ने वाली है |

महराजगंज विकास खंड में स्थित संस्कृत महाविद्यालय भैरव जी व श्री सनातन धर्म उ.मा. विद्यालय अखरचन्दा को देखने से कम से कम तो यही लगता है |भैरव जी संस्कृत विद्यालय का आलम यह है कि प्राचार्य प्रभारी कंचनलता चतुर्वेदी व सहायक अध्यापक रेखा उपाध्याय का विद्यालय में कोई अता पता तक नहीं मिला जबकि उमेश चौबे नाम के एक व्यक्ति ने अपने आप को प्राचार्य बताते हुए प्राचार्य की कुर्सी पर बैठ कागजी कार्य करता हुआ मिला |

मीडिया कर्मिओं ने ज़ब उनसे नियुक्त अध्यापकों की उपस्थिति के बारे पूछा तो वे हिला हवाली करने लगे और खुद को विवादित प्राचार्य बताते हुए कहा कि उनके नियुक्ति का मुक़दमा न्यायालय में विचाराधीन है | बातचीत में उन्होंने कहा कि विद्यालय में 60-70 विद्यार्थीओं का पंजीयन है परन्तु उपस्थिति के नाम पर सभी कक्ष विद्यार्थिओं से खाली व कबाड़ तथा गन्दगी से भरे मिले | विद्यालय परिसर में झाड़ झखाड व गन्दगी का राज देखने को मिला | जबकि अखरचन्दा संस्कृत विद्यालय की  इमारत तो राम भरोसे है कब गिर जाय इसका कोई भरोसा नहीं है | विद्यालय में उपस्थित प्राचार्य प्रकाश चंद मिश्र ने बताया कि विद्यालय में कुल 78 विद्यार्थी पंजीकृत है तथा दो शिक्षक है जिसमे एक तनु राय मानदेय पर है परन्तु उपस्थित नहीं मिली |इस विद्यालय से भी विद्यार्थी नदारत मिले परन्तु कागजो पर उपस्थित रहे |यहां पर भी ईमारत जर्ज़र और गन्दगी व झाड़िओ से पोषित मिला | जिले के संस्कृत विद्यालय की हालत बहुत ही दयनीय हो गई है| विद्यालय में न तो उचित शैक्षिक सामग्री उपलब्ध है और न ही एक स्वस्थ माहौल | विद्यालय में बैठने के लिए ठीक से कुर्सियाँ और डेस्क तक नहीं हैं | विद्यालय की इमारत में दरारें आ गई हैं और विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, जैसे कि पीने का पानी, शौचालय और पुस्तकों की पर्याप्त आपूर्ति |विद्यालय के शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़े हुए हैं | कुछ शिक्षक तो विद्यालय आते ही नहीं है, जबकि कुछ शिक्षक अपने व्यक्तिगत कार्यों में व्यस्त रहते हैं |शिक्षकों का यह रवैया भी विद्यालय की स्थिति को और भी खराब बना रहा है | कुछ शिक्षक अपने व्यक्तिगत कामों में व्यस्त रहते हैं, तो कुछ स्कूल आने में भी नियमित नहीं होते | इस पूरी प्रक्रिया में, छात्रों को संस्कृत जैसी महत्वपूर्ण भाषा की शिक्षा भी ठीक से नहीं मिल पा रही है| इस सम्बन्ध में जब मीडिया कर्मिओं ने जिला विद्यालय निरिक्षक से उनके सेल पर फोन किया गया तो उन्होंने फोन उठाया ही नहीं | इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी जिला विद्यालय निरीक्षक की है, जो जिला स्तर पर शिक्षा व्यवस्था की निगरानी करते हैं | संस्कृत विद्यालयों की स्थित को देखने से ऐसा लगता है कि निरीक्षक ने कभी भी इस विद्यालय का निरीक्षण नहीं किया है| उनकी अनदेखी और लापरवाही के कारण विद्यालय की स्थिति सुधरने के बजाय और भी खराब हो गई है|जिला विद्यालय निरीक्षक के कार्यों पर सवाल उठता है, क्योंकि वे पूरी तरह से विद्यालयों की वास्तविक स्थिति से बेखबर हैं |उन्हें नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करना चाहिए था और यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि विद्यालयों में शिक्षा का स्तर ठीक है, लेकिन उनकी निष्क्रियता के कारण छात्रों और शिक्षकों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है|