आजमगढ़: दो अलग-अलग पते से पासपोर्ट बनवाने वाले अभियुक्त कमलेश साहनी गिरफ्तार
आजमगढ़, 28 अगस्त 2024: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो अलग-अलग पते से पासपोर्ट बनवाने के गंभीर अपराध में शामिल अभियुक्त कमलेश साहनी को आजमगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के नेतृत्व में चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया, जिसमें फर्जी दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों के आधार पर गुमराह करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
गिरफ्तार अभियुक्त कमलेश साहनी पुत्र खरपत्तू, निवासी गांगेपुर मठिया, थाना रौनापार, ने दो अलग-अलग पते से पासपोर्ट बनवाने का प्रयास किया। पहली बार, उसने 18 दिसंबर 2014 को अपने नाम से पासपोर्ट संख्या M4562834 बनवाया। इसके बाद, उसने 9 मार्च 2022 को गोरखपुर के थाना गगहा के अंतर्गत ग्राम कठवलिया के पते से एक और पासपोर्ट संख्या U7682951 बनवाया। यह मामला तब सामने आया जब वादी मुकदमा, उप-निरीक्षक अखिलेश सिंह, ने थाना रौनापार में इस धोखाधड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
कमलेश साहनी द्वारा की गई इस धोखाधड़ी की गंभीरता को देखते हुए, 27 अगस्त 2024 को थाना रौनापार में मु0अ0सं0-348/24 धारा 419, 420, 467, 468, 471 भारतीय दंड संहिता और 12(1) ख पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले की विवेचना उप-निरीक्षक मधुसूदन चौरसिया के द्वारा की जा रही है। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और अभियुक्त को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया।
पुलिस की सक्रियता और सतर्कता के चलते अभियुक्त कमलेश साहनी को 28 अगस्त 2024 की सुबह लगभग 9:40 बजे सीवान मोड़ के पास से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में वरिष्ठ उप-निरीक्षक मधुसूदन चौरसिया के साथ कांस्टेबल राजेन्द्र प्रसाद और कांस्टेबल अमरजीत यादव शामिल थे। अभियुक्त को पकड़ने के बाद उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां उसके खिलाफ विधिक कार्यवाही शुरू की गई।
आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने इस सफलता पर अपनी टीम की सराहना की और कहा कि फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले अपराधियों के खिलाफ पुलिस का यह अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा, "कानून के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इस प्रकार के अपराध न केवल कानूनी व्यवस्था को कमजोर करते हैं बल्कि समाज की सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं।" आजमगढ़ पुलिस की यह कार्रवाई यह स्पष्ट संदेश देती है कि समाज में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की कोई जगह नहीं है। पुलिस की तत्परता और उनके अनुशासन ने जनता में सुरक्षा का भाव और विश्वास पैदा किया है। इस प्रकार की पुलिस कार्रवाई से न केवल अपराधियों पर अंकुश लगेगा बल्कि समाज में शांति और सुरक्षा का माहौल भी मजबूत होगा।फर्जी दस्तावेजों और प्रमाण पत्रों के आधार पर धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों के खिलाफ आजमगढ़ पुलिस का यह अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्रवाई पुलिस बल की सजगता और कर्तव्यनिष्ठा को दर्शाती है, और यह विश्वास दिलाती है कि अपराधियों के लिए कानून का शिकंजा हरदम कसता रहेगा।