जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचना अनिवार्य, पुराने-नए दाम की लिस्ट चिपकाएँ दुकानदार—श्रीराम सरोज की सख्त चेतावनी

- आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता, मनोज कुमार
आज़मगढ़, 26 सितम्बर।
संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) राज्य कर, आज़मगढ़ सम्भाग श्रीराम सरोज ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “जीएसटी दरों में की गई कटौती का सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलना ही चाहिए, अन्यथा दुकानदारों पर कड़ी कार्यवाही तय है।”
उन्होंने बताया कि सोमवार से लागू नई दरों की जानकारी पहले ही निर्माता कंपनियों को दे दी गई है। कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि वे खुदरा दुकानदारों को नए रेट पर ही सामान उपलब्ध कराएँ और पुराने-नए दाम के अंतर से होने वाला घाटा दुकानदार पर न डालें, बल्कि उसकी भरपाई निर्माता कंपनियाँ करें।
दुकानदारों के लिए साफ निर्देश
???? सभी दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठान पर वस्तुओं के पुराने और नए दाम की लिस्ट व स्टिकर चिपकाना अनिवार्य होगा।
???? जीएसटी दरों में कटौती का लाभ छिपाने वाले दुकानदारों पर राजस्व विभाग की सीधी नजर रहेगी।
???? 40 लाख से अधिक कारोबार करने वाले व्यापारी बिना पंजीकरण के पाए गए तो उन्हें न सिर्फ जीएसटी पंजीयन कराना पड़ेगा, बल्कि नियम तोड़ने पर कार्यवाही भी झेलनी पड़ेगी।
शिकायत पर तुरंत एक्शन
संयुक्त आयुक्त ने बताया कि उपभोक्ता मामले की हेल्पलाइन 1915 पर सोमवार को ही बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की गईं कि दुकानदार नए रेट का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुँचा रहे।
यह हेल्पलाइन देशभर में 17 भाषाओं में उपलब्ध है और कहीं से भी कॉल कर शिकायत की जा सकती है।
453 आइटम पर जीएसटी दर में कटौती
भारत सरकार ने हाल ही में 453 वस्तुओं पर जीएसटी घटाया है, जिनमें 295 रोजमर्रा से जुड़ी वस्तुएँ हैं। इन पर नया दाम लागू करना अनिवार्य है। उपभोक्ताओं को तुलना व जानकारी के लिए पोर्टल savingswithgst.in उपलब्ध कराया गया है। वहीं, शिकायतों के लिए इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल मैकेनिज्म पोर्टल consumerhelpline.gov.in भी शुरू किया गया है।
सरकार का संदेश साफ है—“उपभोक्ताओं के हक पर कुठाराघात करने वालों पर अब सख्ती होगी, और लाभ सीधे जनता तक पहुँचना ही चाहिए।”