क्विज़ से सियाचिन तक: माय भारत ने युवाओं को दी हिमालयी ऊँचाइयों पर देशभक्ति और नेतृत्व का अनूठा अनुभव

नई दिल्ली, 26 सितम्बर।
देश की युवा शक्ति अब डिजिटल क्विज़ के मंच से निकलकर दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र सियाचिन की बर्फीली चोटियों तक पहुंचने जा रही है। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा शुरू की गई इस अनूठी पहल के तहत, 25 चयनित युवा 28 से 30 सितम्बर तक भारतीय सेना के साथ 72 घंटे बिताएंगे और राष्ट्र-निर्माण की इस ऐतिहासिक यात्रा के साक्षी बनेंगे।
क्विज़ से मिला सियाचिन का अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया “माय भारत” अभियान अब तक 1.8 करोड़ युवाओं को कर्तव्य, सेवा और राष्ट्रभक्ति के मूल्यों से जोड़ चुका है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित राष्ट्रीय ध्वज प्रश्नोत्तरी में 1.1 लाख से अधिक युवाओं ने भाग लिया। इन्हीं में से चयनित विजेताओं को सियाचिन यात्रा का अवसर मिला है।
सेना के साथ सीधा संवाद
यात्रा के दौरान युवा—
-
सियाचिन बेस कैंप पर तैनात सैनिकों से मिलेंगे,
-
परिचालन, भौगोलिक और पर्यावरणीय चुनौतियों को समझेंगे,
-
प्रशिक्षण क्षेत्रों का दौरा करेंगे,
-
युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
इसके साथ ही, उन्हें लेह की सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय उद्यमिता व व्यावसायिक गतिविधियों से भी परिचित कराया जाएगा।
हस्तलिखित पत्र में होगा भारत का सपना
हर प्रतिभागी अपने साथ सेना को संबोधित एक हस्तलिखित पत्र लेकर जाएगा, जिसमें वह विकसित भारत की अपनी कल्पना साझा करेगा और राष्ट्र को मजबूत बनाने में सेना की भूमिका के लिए कृतज्ञता व्यक्त करेगा।
युवाओं में देशभक्ति और जिम्मेदारी का संचार
युवा कार्य विभाग का कहना है कि यह सिर्फ एक शैक्षिक यात्रा नहीं है, बल्कि युवाओं के लिए एक निर्णायक जीवनानुभव है। इसका उद्देश्य—
-
सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में युवाओं की समझ को गहरा करना,
-
सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान और गर्व बढ़ाना,
-
उनमें जिम्मेदारी और देशभक्ति की भावना जागृत करना है।
“प्रश्नोत्तरी से सियाचिन तक की यह यात्रा माय भारत के उस संकल्प का प्रतीक है, जो राष्ट्र सेवा और उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित नई पीढ़ी गढ़ रहा है।”