चौकी प्रभारी माहुल निलंबित: विभागीय जांच के आदेश

चौकी प्रभारी माहुल निलंबित: विभागीय जांच के आदेश

ब्यूरो रिपोर्ट- मनोज कुमार सिंह 

आजमगढ़,पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ अनुराग आर्य ने चौकी प्रभारी माहुल उ0नि0 ना0पु0 शिव सागर यादव को पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता और स्वेच्छाचारिता बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।

उ0नि0 ना0पु0 शिव सागर यादव पर आरोप है कि उन्होंने थाना अहरौला में पंजीकृत एक अपहरण के मामले में 10 महीनों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अपहृता की बरामदगी के लिए सार्थक प्रयास नहीं किए। इसके अलावा, लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 के दौरान उन्होंने एनबीडब्लू की गिरफ्तारी, आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही, निरोधात्मक कार्यवाहियां, गो-तस्करी के अभियुक्तों का सत्यापन और हिस्ट्रीशीटरों की नियमित निगरानी करने में भी लापरवाही बरती।

पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कहा, "चौकी प्रभारी माहुल शिव सागर यादव ने अपने पद के दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही और उदासीनता दिखाई है। उनके कार्यों में स्वेच्छाचारिता भी स्पष्ट रूप से देखने को मिली है। ऐसे में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना आवश्यक हो गया है।"

उ0नि0 ना0पु0 शिव सागर यादव को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस जांच के तहत उनके द्वारा बरती गई सभी अनियमितताओं और लापरवाहियों की गहन जांच की जाएगी। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने स्पष्ट किया कि इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित जांच की जाएगी ताकि दोषियों को उचित सजा मिल सके।

इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि आजमगढ़ पुलिस प्रशासन किसी भी प्रकार की लापरवाही और उदासीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कहा, "हमारी प्राथमिकता है कि जनता को न्याय और सुरक्षा मिले। इसके लिए आवश्यक है कि पुलिस बल अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही या उदासीनता को हम सख्ती से निपटेंगे।"

जनता ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है और आशा जताई है कि इससे पुलिस बल में अनुशासन और उत्तरदायित्व की भावना और मजबूत होगी। लोगों का कहना है कि ऐसे कदमों से पुलिस में भ्रष्टाचार और लापरवाही पर अंकुश लगेगा और आम जनता को न्याय मिलने की संभावना बढ़ेगी।

चौकी प्रभारी माहुल उ0नि0 ना0पु0 शिव सागर यादव की निलंबन और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश से यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि कानून और अनुशासन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। आजमगढ़ पुलिस प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि वे अपने कर्तव्यों के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं और किसी भी प्रकार की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।