जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, राहत एवं स्वास्थ्य सेवाओं का लिया जायज़ा

जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, राहत एवं स्वास्थ्य सेवाओं का लिया जायज़ा

आजमगढ़—  आजमगढ़ जिले के जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने आज तहसील सगड़ी के अंतर्गत बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का व्यापक निरीक्षण किया, जिससे बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए किए गए उपायों की स्थिति का आकलन किया जा सके। घाघरा नदी में आई बाढ़ के कारण महुला गढ़वल बांध, बदरहुआ नाला, हाजीपुर बाढ़ चौकी और गांगेपुर बाढ़ चौकी जैसे स्थान प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में स्थापित हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर का जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया, जिससे वहां स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का सही आकलन किया जा सके।

जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि बाढ़ से करीब 17 ग्रामों की लगभग 14 हजार आबादी प्रभावित हुई है। हालांकि, किसी भी घर में अभी तक पानी नहीं घुसा है, परंतु आवागमन बाधित हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के सुरक्षित आवागमन हेतु नावें उपलब्ध कराई गई हैं और आवश्यकता अनुसार सभी प्रभावित इलाकों में और नावों की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पीएसी की बाढ़ कंपनी को तैनात किया है, ताकि बाढ़ से प्रभावित लोगों को हर संभव मदद समय पर मिल सके। स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर एंटीवेनम और अन्य आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्लोरीन की गोलियों का वितरण हो, जिससे पीने का पानी सुरक्षित रहे।जिलाधिकारी ने पशुओं के लिए भी विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुओं के लिए चारा, भूसा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और सभी पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित हो। 

अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए सभी गाइडलाइन्स का सही ढंग से पालन किया जाए और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय रहते पूरी की जाएं, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री आजाद भगत सिंह, उप जिलाधिकारी सगड़ी और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे, जिन्होंने बाढ़ से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा लिया। प्रशासन की यह तत्परता बाढ़ पीड़ितों के जीवन को सुरक्षित रखने और उनकी हरसंभव सहायता करने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।