अखाड़ों में लोकतंत्र: कुंभ मेले के बाद अब काशी में जुटेंगे नागा साधु, महाशिवरात्रि पर होगा महामंथन!

अखाड़ों में लोकतंत्र: कुंभ मेले के बाद अब काशी में जुटेंगे नागा साधु, महाशिवरात्रि पर होगा महामंथन!

प्रयागराज। महाकुंभ के तीन दिव्य शाही स्नानों के उपरांत अब नागा सन्यासियों और अखाड़ों की यात्रा काशी की ओर अग्रसर हो चुकी है। कुंभ मेले के दौरान जहां अखाड़ों ने अपनी परंपरा के अनुसार कार्यकारिणी का चुनाव किया, वहीं अब काशी में महाशिवरात्रि और मसाने की होली के भव्य आयोजनों की तैयारियां जोरों पर हैं।

शैव अखाड़ों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक विशेष महत्व है, जहां श्रीमहंत और अन्य पदाधिकारियों का चयन कुंभ सभा के दौरान किया जाता है। यह परंपरा न केवल सनातनी विरासत की जड़ों को मजबूत करती है, बल्कि अखाड़ों की प्रशासनिक शक्ति को भी सुचारु रूप से संचालित करने का माध्यम बनती है। महाकुंभ में अपने दायित्वों का निर्वहन करने के बाद अब नागा सन्यासी काशी की यात्रा के लिए सामान संजोने लगे हैं, जहां गंगा तट पर स्नान के उपरांत श्रीमहंत बनने की प्रक्रिया विधिवत आरंभ होगी।

काशी में मसाने की होली और महाशिवरात्रि के पर्व पर साधु-संतों का महामंथन होगा, जहां अध्यात्म और परंपरा के संगम से समाज को नया संदेश मिलेगा। सनातन परंपराओं और अखाड़ों के लोकतांत्रिक स्वरूप का यह संगम भारतीय संस्कृति की समृद्धता को और अधिक उजागर करेगा।