जम्मू-कश्मीर बनेगा भारत की 2047 की विकास यात्रा का पथप्रदर्शक: डॉ. जितेंद्र सिंह

श्रीनगर, 25 सितम्बर 2025।
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत की 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में पथप्रदर्शक बनने की क्षमता रखता है। कश्मीर विश्वविद्यालय में नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (AIM) की एटीएल सारथी और सीमांत क्षेत्र कार्यक्रम की शुरुआत के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था चौथे से तीसरे और फिर शीर्ष स्थानों की ओर बढ़ेगी, उसमें मूल्यवर्धन उन क्षेत्रों से होगा, जिनकी क्षमता अभी तक कम इस्तेमाल हुई है—और जम्मू-कश्मीर इसमें पूरी तरह योग्य है।
नवाचार और शिक्षा में नई क्रांति
डॉ. सिंह ने घोषणा की कि सीमांत क्षेत्र कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर में ₹100 करोड़ के निवेश से 500 नई अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) स्थापित की जाएंगी। यह संख्या देशभर में स्वीकृत 2,500 लैब्स में सबसे अधिक है।
इन लैब्स में स्कूली बच्चों को रोबोटिक्स, 3डी प्रिंटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे अत्याधुनिक उपकरणों से परिचित कराया जाएगा, ताकि वे कम उम्र से ही नवाचार की राह पर आगे बढ़ सकें।
अरोमा और स्टार्टअप्स में नयी पहचान
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार के अरोमा मिशन ने कश्मीर की तस्वीर बदल दी है।
आज इस क्षेत्र में 3,500 से अधिक लैवेंडर स्टार्टअप्स काम कर रहे हैं और हजारों युवा पारंपरिक नौकरियां छोड़कर उद्यमिता अपना रहे हैं। फूलों और इत्र आधारित उद्योग जम्मू-कश्मीर को नई पहचान दे रहे हैं।
वैश्विक मानकों की ओर बढ़ता भारत
डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले दशक में भारत की आर्थिक प्रगति को अंतरिक्ष, जैव प्रौद्योगिकी, महासागर विज्ञान और हिमालय संसाधन जैसे तकनीकी क्षेत्रों ने गति दी है। भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था "लगभग शून्य" से बढ़कर आज 8 अरब डॉलर तक पहुंच गई है और 2035 तक इसके 40-45 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने ज़ोर दिया कि विकास की यह गति तभी टिकाऊ होगी, जब निजी क्षेत्र और सरकार के बीच संरचित सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा।
टियर-2 और टियर-3 शहरों से नई प्रतिभाएँ
नवाचार की नई प्रतिभाओं का उल्लेख करते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के 50 छात्र हाल ही में आयोजित स्कूल इनोवेशन मैराथन के शीर्ष 1,000 में शामिल हुए, जो इस क्षेत्र की क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने अभिभावकों और युवाओं से आग्रह किया कि यह भ्रांति छोड़ें कि स्टार्टअप केवल महानगरों में ही सफल हो सकते हैं—आज भारत के लगभग आधे स्टार्टअप छोटे शहरों से आ रहे हैं।
2047 का विज़न
अपने समापन संबोधन में डॉ. सिंह ने कहा—
"2047 का भारत इन्हीं टिंकरिंग लैब्स में पढ़ने वाले बच्चों के कंधों पर खड़ा होगा। वे विकसित भारत के असली पथप्रदर्शक होंगे और जम्मू-कश्मीर इस यात्रा का अगुवा बनकर उभरेगा।"
इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, शिक्षा मंत्री सकीना मसूद, कश्मीर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलोफर खान और एआईएम मिशन निदेशक डॉ. दीपक बागला भी मौजूद रहे।