स्वदेशी इस्पात से सशक्त INS एंड्रोथ: सेल ने बढ़ाई भारत की समुद्री आत्मनिर्भरता

स्वदेशी इस्पात से सशक्त INS एंड्रोथ: सेल ने बढ़ाई भारत की समुद्री आत्मनिर्भरता

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025।
भारत के समुद्री रक्षा तंत्र को नई मजबूती मिली है। देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात निर्माता और महारत्न कंपनी भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) ने भारतीय नौसेना के नवीनतम युद्धपोत आईएनएस एंड्रोथ को पूरी तरह से स्वदेशी इस्पात उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।


आईएनएस एंड्रोथ – आधुनिक समुद्री शक्ति का प्रतीक

आईएनएस एंड्रोथ पनडुब्बी रोधी उथले जल युद्धपोत (ASW-SWC) श्रृंखला का दूसरा पोत है। इससे पहले इस श्रृंखला का पहला पोत आईएनएस अर्नाला 18 जून 2025 को नौसेना में शामिल किया गया था।
ये सभी युद्धपोत गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं।


सेल का योगदान

  • विशेष श्रेणी के इस्पात (एचआर शीट्स और प्लेट्स सहित) की संपूर्ण आपूर्ति।

  • आठ एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी जहाजों के लिए स्टील आपूर्ति पूरी की जा चुकी है।

  • यह उच्च गुणवत्ता वाला इस्पात सेल के बोकारो, भिलाई और राउरकेला संयंत्रों से तैयार किया गया।

इस उपलब्धि ने न केवल भारत की नौसेना आधुनिकीकरण यात्रा को गति दी है, बल्कि यह रक्षा उत्पादन में स्वदेशी क्षमता और तकनीकी सामर्थ्य की भी गवाही देता है।


आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

आईएनएस एंड्रोथ का नौसेना में सम्मिलित होना इस बात का प्रतीक है कि भारत अब अपनी समुद्री रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में बड़े पैमाने पर स्वदेशी संसाधनों पर निर्भर है।
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” विजन को साकार करने की दिशा में एक मजबूत मील का पत्थर है।


 स्वदेशी शक्ति से सुरक्षित समुद्र सीमाएँ

सेल का यह योगदान केवल इस्पात की आपूर्ति भर नहीं है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक रक्षा क्षमताओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रतीक है।
आईएनएस एंड्रोथ की नौसेना में तैनाती के साथ ही भारत का समुद्री सुरक्षा कवच और मजबूत हो गया है।

सेल ने पुनः यह संदेश दिया है कि –
“स्वदेशी इस्पात से गढ़ा हर जहाज, भारत की समुद्री सीमाओं का मजबूत प्रहरी है।” ????????⚓