स्टे आदेश की अनदेखी! स्मिथ इंटर कॉलेज में जीव विज्ञान प्रवक्ता की पदोन्नति पर विवाद

स्टे आदेश की अनदेखी! स्मिथ इंटर कॉलेज में जीव विज्ञान प्रवक्ता की पदोन्नति पर विवाद

सगड़ी, आज़मगढ़: 110 वर्षों से शैक्षणिक क्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज कराने वाला अजमतगढ़ का प्रसिद्ध स्मिथ इंटर कॉलेज एक बार फिर विवादों के घेरे में है। इस बार मामला हाईकोर्ट के स्टे आदेश के बावजूद किए गए एक प्रमोशन का है, जिसमें तथ्यों को छुपाकर जीव विज्ञान के प्रवक्ता पद पर अभय कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति का आरोप लगा है। जिसमें अधिकारीयों की भी संलिप्तता स्पष्ट दिख रही है।

शिकायत में क्या कहा गया?

राजीव नगर निवासी सीताराम शर्मा ने संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक), आजमगढ़ को एक बयान हल्फी के माध्यम से मामले की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2009-10 के हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने तथ्यों को छुपाते हुए अभय श्रीवास्तव को फरवरी 2023 में जीव विज्ञान के प्रवक्ता के पद पर प्रमोट कर दिया। शिकायतकर्ता ने इस प्रमोशन को अवैध बताते हुए, श्रीवास्तव को उनके मूल पद पर रिवर्ट करने और अनाधिकृत वेतन की वसूली की मांग की है।

प्रमोशन का इतिहास और विवाद

यह विवाद नया नहीं है। स्मिथ इंटर कॉलेज में जीव विज्ञान प्रवक्ता के पद को लेकर 2009 में भी याचिका दायर की गई थी। तत्कालीन प्रवक्ता विनोद सिंह मूल पद पर रिवर्ट किया जा चुका है।और 2021 में सेवा निवृत्त कर दिया गया। इसके बाद इस पद के लिए दावा कर रहे शिवचंद राम 2018 में सेवा-पूर्व ही निधन हो गया।

इस पद की रिक्तता के बावजूद, 2023 में स्कूल के तत्कालीन प्रधानाचार्य देवेंद्र नाथ चतुर्वेदी के कार्यकाल में अभय कुमार श्रीवास्तव को इस पद पर प्रमोशन दिया गया। जबकि पूर्व के प्रधानाचार्य लोग हाईकोर्ट के स्टे के चलते बचते रहे।आरोप है कि यह प्रक्रिया न केवल  हाईकोर्ट स्टे आदेश का उल्लंघन थी, बल्कि इसमें कई तथ्यों को जानबूझकर छुपाया गया।और प्रमोशन  लिया गया है।इस मामले में वर्तमान प्रधानाचार्य राम नकुल ने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा मांगी गई जनसूचना के तहत सभी दस्तावेज़ प्रदान किए गए हैं। हालांकि, स्कूल प्रशासन पर लगाए गए आरोपों ने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है।

बतादे कि ऐसे विवाद शिक्षा क्षेत्र की पारदर्शिता और नैतिकता पर गहरा प्रभाव डालते हैं। सुचिता की बात करने लोग ही कानून को दरकिनार कर रहे।यदि शिकायत में लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल एक बड़ी चूक है, बल्कि उच्च स्तर की जांच की भी मांग करता है। इस विवाद ने अजमतगढ़ क्षेत्र में हलचल मचा दी है। अब यह देखना अहम होगा कि संयुक्त शिक्षा निदेशक और शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। क्या अभय कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति रद्द होगी? क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी? इस मामले ने शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और न्याय की आवश्यकता पर जोर दिया है। जनता के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या शिक्षा व्यवस्था में ईमानदारी और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा या ऐसे विवाद बार-बार उठते रहेंगे।