टोरेस ज्वेलर्स घोटाला: 22 करोड़ की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, यूक्रेनी महिला मास्टरमाइंड घोषित

महाराष्ट्र के चर्चित टोरेस ज्वेलर्स निवेश घोटाले में पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए इस धोखाधड़ी के पीछे की मास्टरमाइंड को बेनकाब किया है। पुलिस ने यूक्रेन की ओलेना और उनके साथी आर्टेम को इस घोटाले का प्रमुख साजिशकर्ता करार दिया है। देश की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ कि इन विदेशी नागरिकों ने भारतीय निदेशकों के साथ मिलकर निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी की।
"मोइसानाइट पत्थरों" के झूठे सपने दिखाकर बनाया शिकार
टोरेस ज्वेलर्स कंपनी ने निवेशकों को "मोइसानाइट पत्थरों" में निवेश कर 6% साप्ताहिक रिटर्न का वादा करके लुभाया। शुरुआत में निवेशकों को भरोसे में लेने के लिए उन्हें रिटर्न का भुगतान किया गया, लेकिन 30 दिसंबर 2024 के बाद सभी भुगतान अचानक बंद कर दिए गए। कंपनी के खिलाफ अब तक 1,535 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।
देश छोड़कर फरार हुए विदेशी आरोपी
पुलिस ने जानकारी दी कि ओलेना और आर्टेम घोटाले के सामने आने के बाद देश छोड़कर फरार हो गए। इनके खिलाफ जल्द ही लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया जाएगा ताकि इन्हें वापस लाया जा सके।
5 करोड़ की नकदी जब्त, घोटाले की रकम 22 करोड़ तक पहुंची
पुलिस की टीम ने 11 जनवरी को मुंबई के दादर स्थित टोरेस ज्वेलरी स्टोर और एक फ्लैट पर छापेमारी करते हुए 5 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की। पुलिस का अनुमान है कि यह घोटाला कुल 22 करोड़ रुपये का हो सकता है।
एक सब्जी विक्रेता ने किया घोटाले का खुलासा
यह मामला उस समय उजागर हुआ जब नरीमन पॉइंट निवासी प्रदीप कुमार ममराज, जो पेशे से एक सब्जी विक्रेता हैं, ने पुलिस को धोखाधड़ी की सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और कई आरोपियों की पहचान कर ली।
पुलिस का सख्त संदेश: निवेशकों को करें सावधान
यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि उच्च रिटर्न का वादा करने वाले निवेश योजनाओं के जाल में फंसने से बचना चाहिए। पुलिस ने जनता से अपील की है कि निवेश करते समय पूरी जांच-पड़ताल करें और संदिग्ध योजनाओं से दूर रहें।
"हाई रिटर्न के वादे के पीछे छिपे घोटाले का सच पहचानें!"
टोरेस ज्वेलर्स घोटाला एक कड़ा संदेश देता है कि फर्जी योजनाओं के खिलाफ सतर्क रहकर ही हम अपनी मेहनत की कमाई को बचा सकते हैं।