अजब चोरों की गजब आस्था: मंदिर में मांगी मन्नत, चोरी के बाद चढ़ाए लाखों—फिर भी पकड़े गए!

अजब चोरों की गजब आस्था: मंदिर में मांगी मन्नत, चोरी के बाद चढ़ाए लाखों—फिर भी पकड़े गए!

अजमेर – राजस्थान के अजमेर में एक चौंकाने वाली चोरी की घटना सामने आई है, जहां चोरों ने वारदात को अंजाम देने से पहले मंदिर में मन्नत मांगी और चोरी सफल होने पर एक लाख रुपये चढ़ाने का संकल्प लिया। हैरानी की बात यह है कि इन्होंने चोरी के चार दिन बाद मंदिर में आकर न केवल मन्नत पूरी की, बल्कि 50 हजार रुपये की प्रसादी भी बांटी।

यह घटना शहरभर में चर्चा का विषय बन गई, क्योंकि धार्मिक आस्था और अपराध का यह अजीबोगरीब मेल किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता। पुलिस ने तकनीकी निगरानी और 900 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद तीनों आरोपियों को धर दबोचा।

कैसे हुआ पूरा खेल?

जानकारी के मुताबिक, तीनों आरोपियों ने मंदिर में दर्शन कर यह मन्नत मांगी थी कि अगर चोरी सफल रही, तो वे मंदिर में एक लाख रुपये चढ़ाएंगे। चोरी के बाद, जब उन्हें अपने ‘मिशन’ में कामयाबी मिल गई, तो वे मंदिर पहुंचे और वहां चढ़ावा चढ़ाने के साथ-साथ 50 हजार रुपये की भव्य प्रसादी भी बांटी।

लेकिन उनकी यह अनोखी आस्था उन्हें कानून के शिकंजे से नहीं बचा सकी। पुलिस ने चोरी के सुराग जुटाने के लिए आधुनिक तकनीकों का सहारा लिया और करीब 900 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद आखिरकार तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

सोशल मीडिया पर मज़ाक और सवाल

इस अनूठे अपराध को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। कुछ लोग इसे चोरों की 'आस्था' बता रहे हैं, तो कुछ इसे अंधविश्वास और अपराध की एक खतरनाक मिसाल मान रहे हैं।

सबक क्या है?

यह मामला न केवल कानून की पकड़ से बचने की कोशिशों पर सवाल उठाता है, बल्कि इस बात की ओर भी इशारा करता है कि अपराध करने से पहले 'आस्था' जताने से अपराध खत्म नहीं हो जाता। सही आस्था वही होती है जो नैतिकता और ईमानदारी की राह पर ले जाए, न कि गलत काम को सही ठहराने का बहाना बने।

अब देखना होगा कि इस फिल्मी चोरी के किरदारों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत क्या सज़ा मिलती है, लेकिन एक बात तो साफ है—चोरी और भक्ति का यह मेल समाज में लंबे समय तक चर्चा का विषय बना रहेगा!