डीजीआर और भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान ने वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के लिए स्वतंत्र निदेशक प्रमाणन कार्यक्रम शुरू किया
रक्षा मंत्रालय के महानिदेशालय पुनर्वास (डीजीआर) के साथ साझेदारी में भारतीय कॉर्पोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) ने आज हरियाणा में गुरुग्राम के मानेसर में भारतीय कॉर्पोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) परिसर में रक्षा अधिकारियों के लिए अपनी तरह के पहले प्रमाणन कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस दो-सप्ताह के प्रमाणन कार्यक्रम में 30 वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो सेवारत और हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं और ये अधिकारी तीनों सेवाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। कार्यक्रम में एयर वाइस मार्शल, मेजर जनरल और रियर एडमिरल सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। दो सप्ताह तक चलने वाला यह कार्यक्रम 31 अगस्त, 2024 को प्रमाणन समारोह के साथ संपन्न होगा।
सुश्री मोनिका अग्रवाल, प्रबंध निदेशक-वित्तीय सेवाएं, एशिया प्रशांत/भारत लीड-बोर्ड सर्विसेज, कॉर्न फेरी और सम्मानित अतिथि ने अपने मुख्य भाषण में, कॉरपोरेट प्रशासन के प्रमुख साधन के रूप में बोर्ड के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कॉरपोरेट प्रशासन के मानकों को बढ़ाने के लिए बोर्ड के सदस्यों द्वारा निभाई गई भूमिका पर बल दिया। सुश्री अग्रवाल ने वर्तमान बोर्डों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों और स्वतंत्र निदेशकों की निभाई जाने वाली भूमिका की ओर ध्यान आकर्षित किया।
उनके संबोधन में रक्षा अधिकारियों के नेतृत्व और रणनीतिक कौशल का उपयोग करने और उन्हें उनकी विशेषज्ञता और कौशल के आधार पर बोर्डों में शामिल करने के लिए कॉरपोरेट घरानों का ध्यान आकर्षित करके इंडिया इंक और सशस्त्र बलों के बीच एक जुडाव को रेखांकित किया गया था। अवसरों का उचित उपयोग करने और जोखिमों के प्रबंधन के लिए उपलब्ध प्रतिभा के उपयोग के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण की गंभीर आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। सुश्री अग्रवाल ने व्यवहार और पेशेवर गुणों के प्रमुख पहलुओं पर भी समूह का मार्गदर्शन किया, जिन्हें कंपनियां और कार्यकारी खोज कंपनियां बोर्ड पद के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति ढूंढते समय देखती हैं।
कार्यक्रम निदेशक, कॉर्पोरेट प्रशासन स्कूल के प्रमुख और स्वतंत्र निदेशक डेटाबैंक के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज गुप्ता ने विषयगत संबोधन और दो सप्ताह तक चलने वाले पाठ्यक्रम के लिए महौल बनाने के लिए सार्वजनिक प्रशासन, सैन्य प्रशासन और निगम से संबंधित शासन प्रणाली के बीच जुडाव और विचलन बिंदुओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने कॉरपोरेट प्रशासन पेशेवरों की सर्वोत्तम प्रथाओं और क्षमता निर्माण के उत्प्रेरक के रूप में कॉरपोरेट इको-सिस्टम की सेवा करके कॉरपोरेट कार्य और प्रशासन पर ज्ञान के उत्प्रेरक और भंडार के रूप में भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) की भूमिका पर प्रकाश डाला।
दो सप्ताह का कार्यक्रम प्रतिभागियों को कॉरपोरेट प्रशासन पर वैचारिक और नियामक समझ के साथ जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है और इसका उद्देश्य प्रतिभागियों को स्वतंत्र निदेशक की भूमिकाओं और दायित्वों के बारे में जानकारी प्रदान करना और उन्हें प्रभावी ढंग से योगदान करने में सहायता करना है। प्रतिभागियों ने कॉरपोरेट प्रशासन और इसकी बारीकियों को समझने, भारतीय निगमों के विकास में योगदान करने के लिए अपने क्षितिज को व्यापक बनाने और बदले में राष्ट्र के विकास को आगे बढ़ाने की इच्छा और उत्साह व्यक्त किया। भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) सुशासन और दायित्वपूर्ण व्यावसायिक प्रथाओं को प्रोत्साहन देने वाली पहलों का समर्थन करना जारी रखता है।
भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कर्नल अमनदीप सिंह पुरी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और बोर्ड के सदस्यों के लिए भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) की पेशकशों पर चर्चा करते हुए उन्हें कार्यक्रम डिजाइन के बारे में बताया।
भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) की प्रमुख अनुसंधान सहायक डॉ. अनिंदिता चक्रवर्ती ने कार्यक्रम की कार्यवाही का नेतृत्व किया। श्री मैथ्यू जॉन, श्री आशीष सिंह और श्री मनोज सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।