राष्ट्र निर्माण में युवाशक्ति का अभिनंदन: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रदान किए माई भारत-एनएसएस पुरस्कार

राष्ट्र निर्माण में युवाशक्ति का अभिनंदन: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रदान किए माई भारत-एनएसएस पुरस्कार

नई दिल्ली, राष्ट्रपति भवन।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज वर्ष 2022-23 के लिए माई भारत-राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार प्रदान कर देशभर के उन स्वयंसेवकों, इकाइयों और अधिकारियों को सम्मानित किया, जिन्होंने अपने निस्वार्थ सेवा भाव और उत्कृष्ट योगदान से समाज में बदलाव की अलख जगाई। यह सम्मान युवाओं के त्याग, समर्पण और समाज सेवा की भावना को सशक्त करता है और उन्हें राष्ट्र निर्माण के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

 भूमिका: सेवा और समर्पण का उत्सव

राष्ट्रपति भवन के भव्य दरबार हाल में आयोजित इस समारोह में जब युवा स्वयंसेवकों ने सम्मान ग्रहण किया, तो पूरा वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
इस अवसर पर केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री श्रीमती रक्षा निखिल खडसे भी उपस्थित रहीं। उनके साथ मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य अतिथि और बड़ी संख्या में युवा स्वयंसेवक भी इस गौरवशाली क्षण के साक्षी बने।

पुरस्कारों का विवरण

इस वर्ष दो श्रेणियों में कुल 40 पुरस्कार वितरित किए गए:

  1. एनएसएस इकाइयां और कार्यक्रम अधिकारी (10 पुरस्कार):

    • प्रत्येक एनएसएस इकाई को 2,00,000 रुपये और ट्रॉफी।

    • प्रत्येक कार्यक्रम अधिकारी को 1,50,000 रुपये, रजत पदक और प्रमाण पत्र।

  2. एनएसएस स्वयंसेवक (30 पुरस्कार):

    • प्रत्येक स्वयंसेवक को 1,00,000 रुपये, रजत पदक और प्रमाण पत्र।

 एनएसएस की यात्रा और उद्देश्य

1969 में आरंभ हुई राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का लक्ष्य केवल सेवा नहीं, बल्कि सेवा के माध्यम से छात्र-युवाओं के व्यक्तित्व और चरित्र का निर्माण है। महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित यह योजना “मैं नहीं, बल्कि आप” के मंत्र को आधार मानती है। आज पूरे भारत में लगभग 40 लाख स्वयंसेवक एनएसएस के माध्यम से समाज की सेवा कर रहे हैं।

ये स्वयंसेवक शिक्षा-साक्षरता, स्वास्थ्य एवं पोषण, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, आपदा राहत, स्वच्छता और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों में अनवरत कार्यरत हैं। विशेष शिविरों और नियमित कार्यक्रमों के जरिए वे सीधे समुदाय से जुड़कर देश के भविष्य को संवारने में जुटे हैं।

युवाशक्ति की नई प्रेरणा

पुरस्कार समारोह केवल सम्मान का अवसर नहीं था, बल्कि यह संदेश भी था कि जब युवा समाजसेवा की डगर पर निकलते हैं तो राष्ट्र का भविष्य और भी उज्ज्वल हो उठता है। राष्ट्रपति मुर्मु का यह अभिनंदन, एनएसएस स्वयंसेवकों को और अधिक उत्साह और जिम्मेदारी के साथ समाज की सेवा में जुटने के लिए प्रेरित करता है।

एनएसएस पुरस्कारों की यह परंपरा केवल उपलब्धियों का जश्न नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं की निर्णायक भूमिका को स्वीकार करने का एक ऐतिहासिक क्षण भी है।