शब्दों से समाज को जगाने वाला आज भी दिलों में जिंदा है: पत्रकार हरिशंकर तिवारी की पुण्यतिथि पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

शब्दों से समाज को जगाने वाला आज भी दिलों में जिंदा है: पत्रकार हरिशंकर तिवारी की पुण्यतिथि पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

संवाददाता: नरसिंह यादव, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)

गोरखपुर जनपद के गगहा क्षेत्र अंतर्गत डिहुलपार गांव में रविवार को स्व. हरिशंकर तिवारी की तीसरी पुण्यतिथि पर श्रद्धा और संवेदना की एक सजीव मिसाल देखने को मिली। पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी मृदुभाषिता, मिलनसारिता और निर्भीक लेखनी से समाज में विशिष्ट पहचान बनाने वाले हरिशंकर तिवारी को सम्भ्रांत जनों व पत्रकार साथियों ने उनके आवास पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

तीन साल पहले छिन गया था एक निष्ठावान कलमकार

आज से ठीक तीन वर्ष पूर्व, एक दर्दनाक सड़क हादसे ने समाज को एक निष्पक्ष पत्रकार और संवेदनशील व्यक्तित्व से वंचित कर दिया था। लेकिन समय के साथ उनका व्यक्तित्व और योगदान और भी प्रभावशाली रूप में लोगों के हृदयों में बस गया।

"वे परिवार के मणि थे" – भावुक हुए छोटे भाई

उनके छोटे भाई हरीश तिवारी (एडवोकेट) ने नम आंखों से कहा,
"हरिशंकर हमारे परिवार की आत्मा थे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती। पर उन्होंने अपने अल्प जीवन में समाज के लिए जो कार्य शुरू किए, उन्हें पूरा करना अब मेरा कर्तव्य है।"

जनमानस में थी खास पहचान

इस अवसर पर क्षेत्र के अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उपस्थित जनसमूह ने एक स्वर में कहा कि हरिशंकर तिवारी सिर्फ एक पत्रकार नहीं, बल्कि एक सच्चे समाजसेवी, विनम्र व्यक्तित्व और लोककल्याणकारी सोच के प्रतीक थे।

श्रद्धांजलि देने पहुंचे प्रमुख जन

इस भावुक अवसर पर सन्त कुमार सिंह, जयराम तिवारी, कृपाशंकर सिंह, सन्तोष कुमार शुक्ल, डी पी राय, अनुराग सिंह, सुधाकर तिवारी, अनिल सिंह राठौड़, सरितेश मिश्र, राहुल हरेंद्र सिंह, यशवंत चन्द कौशिक, सन्त प्रसाद द्विवेदी, संजय मिश्रा, सुनील शाही, सुनील सिंह, शिशु शाही, शिवधन प्रजापति, प्रहलाद मौर्य सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


एक विचार, एक कलम, और समाज के लिए समर्पित जीवन – हरिशंकर तिवारी आज भी हमारे विचारों में जीवित हैं।
उनकी पुण्यतिथि पर यह संकल्प लिया गया कि सत्य, न्याय और समाजहित की पत्रकारिता की वह लौ बुझने नहीं दी जाएगी।