भाईचारे की मिसाल बनी बकरीद: कुर्बानी, मुबारकबाद और अमन का पैगाम लेकर बड़हलगंज में शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ पर्व

बड़हलगंज, गोरखपुर।
ईमान, इंसानियत और इबादत के रंगों में रंगा बकरीद का त्योहार इस बार भी बड़हलगंज में गंगा-जमुनी तहज़ीब की शानदार मिसाल बना। खुदा की राह में कुर्बानी के जज़्बे के साथ इस्लाम धर्मावलंबियों ने ईद-उल-अजहा को उत्साह, प्रेम और भाईचारे के माहौल में मनाया।
सुबह की रौशनी के साथ जैसे ही मस्जिदों से तकबीर की सदा गूंजी, पूरा इलाका ईद के नूर में डूब गया। नगर पंचायत की जामा मस्जिद, कर्बला मैदान और शिया मस्जिद (पुराना गोला मोहल्ला) समेत कई नमाजगाहों पर भारी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद की विशेष नमाज अदा की। नमाज के बाद गले मिलकर एक-दूसरे को मुबारकबाद दी गई और अमन व सलामती की दुआ मांगी गई।
इस अवसर पर नगर पंचायत चेयरमैन प्रतिनिधि महेश उमर ने भी लोगों को ईद की शुभकामनाएं देते हुए आपसी सौहार्द और सद्भाव की परंपरा को और मजबूत करने का संदेश दिया। वहीं अध्यक्ष प्रीति उमर के निर्देशन में नगर में सफाई व्यवस्था को लेकर विशेष तैयारी की गई थी। कुर्बानी के बाद के अवशेषों को खुले में न फेंका जाए, इसके लिए विशेष निगरानी दल को लगाया गया था।
त्योहार को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा की सख्त और चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित की। उपजिलाधिकारी गोला अमित कुमार जायसवाल, क्षेत्राधिकारी मनोज कुमार पाण्डेय, कोतवाल चंद्रभान सिंह, ईओ रामसमुख और नायब तहसीलदार जयप्रकाश स्वयं क्षेत्र में भ्रमण करते रहे और हर गतिविधि पर नजर बनाए रखी।
इस मौके पर पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब, डॉ. सलाहुद्दीन अंसारी, उस्मान, सभासद नेयाज कुरैशी, खुर्शीद अहमद, डॉ. एम. शमीम, जमाल अहमद, डॉ. परवेज कमाल, डॉ. हसीन अहमद, डॉ. फैयाज अहमद, डॉ. नईम अहमद और नसीम अहमद जैसे जनप्रतिनिधियों ने भी लोगों के बीच पहुंचकर शुभकामनाएं दीं और सौहार्द बनाए रखने का आग्रह किया।
नगर पंचायत के कर्मियों — सुनील कुमार, विपुल निषाद, उमेश यादव, दिनेश यादव, मनोज यादव, बृजेश उमर, हिमांशु गौड़, विकास गौड़, जावेद अहमद, आज़ाद, नेयाज अहमद, विजय कुमार आदि ने मैदानों की सफाई, कचरा प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को बखूबी अंजाम दिया।
यह पर्व न सिर्फ कुर्बानी की रूहानी भावना का प्रतीक बना, बल्कि बड़हलगंज में भाईचारे, एकता और अमन का सजीव उदाहरण भी प्रस्तुत कर गया। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि ऐसे पर्व समाज में प्रेम और सौहार्द की भावना को और मजबूत करते रहेंगे।
“ईद की यही है असली रूह – मोहब्बत बांटो, नफरतें मिटाओ।”