भाई दूज: प्यार और भाईचारे का त्योहार
आज, भाई दूज के पावन पर्व पर, देश भर में बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए प्रार्थना कर रही हैं। यह त्योहार भाई और बहन के पवित्र बंधन का प्रतीक है।
भाई दूज का महत्व:
भाई दूज का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। भाई भी अपनी बहन को उपहार देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के बीच प्यार, स्नेह और विश्वास को मजबूत करता है।
भाई दूज का जश्न:
भाई दूज का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर के विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जा रहा है। महिलाएं अपने भाइयों के लिए विशेष व्यंजन बना रही हैं। बच्चों ने भी इस त्योहार को खूब एंजॉय किया।
भाई दूज की कहानियां:
भाई दूज के बारे में कई रोचक कहानियां प्रचलित हैं। एक कहानी के अनुसार, यमराज ने अपनी बहन यमुना के निमंत्रण पर उनके घर भोजन किया था। यमुना ने यमराज के माथे पर तिलक लगाया और उनकी लंबी उम्र की कामना की। यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि जो भी भाई अपनी बहन से तिलक लगाएगा, उसे कभी मृत्यु नहीं आएगी।
आज के समय में भाई दूज का महत्व:
आज के भागदौड़ भरे जीवन में भाई-बहन के रिश्ते कमजोर होते जा रहे हैं। भाई दूज का त्योहार हमें याद दिलाता है कि पारिवारिक बंधन कितने महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने भाई-बहनों के साथ समय बिताना चाहिए और उनके साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखने चाहिए।
आप सभी को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं!