IIT कानपुर के पीएचडी स्कॉलर अंकित यादव की आत्महत्या से सनसनी, सुसाइड नोट में लिखा— "अब मैं क्विट कर रहा हूँ"

IIT कानपुर के पीएचडी स्कॉलर अंकित यादव की आत्महत्या से सनसनी, सुसाइड नोट में लिखा— "अब मैं क्विट कर रहा हूँ"

कानपुर: देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान IIT कानपुर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। केमिस्ट्री से PhD कर रहे छात्र अंकित यादव ने अपने हॉस्टल के कमरे में सोमवार को आत्महत्या कर ली, जिससे पूरे संस्थान में शोक की लहर दौड़ गई। इस घटना का खुलासा तब हुआ, जब उसकी एक दोस्त उससे मिलने हॉस्टल पहुंची, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद मिला। संदेह होने पर उसने खिड़की से झांका तो दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया— अंकित यादव का lifeless body कमरे में पड़ी थी।

सुसाइड नोट में लिखा— "अब मैं क्विट कर रहा हूँ"

मामले की सूचना मिलते ही ACP अभिषेक पांडे पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जांच के दौरान अंकित के कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें लिखा था— "अब मैं क्विट कर रहा हूँ, इसमें किसी का इन्वॉल्वमेंट नहीं है।" पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।

प्रतिभाशाली छात्र की यूं विदाई ने छोड़े कई सवाल

अंकित यादव IIT कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में रिसर्च कर रहा था, लेकिन उसकी आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या वह मानसिक तनाव से जूझ रहा था? क्या उसे पढ़ाई या निजी जीवन में कोई दबाव था? पुलिस अब इन सभी एंगल्स की जांच कर रही है।

शिक्षण संस्थानों में बढ़ता मानसिक दबाव— बड़ा सवाल

इस घटना ने एक बार फिर भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ते मानसिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। छात्रों पर बढ़ते अकादमिक दबाव, अकेलापन और तनावपूर्ण माहौल को लेकर कई बार बहस हो चुकी है, लेकिन समाधान अभी भी दूर लगता है।

समाज के लिए सीख— ज़रूरी है संवाद और सहारा

अंकित यादव की आत्महत्या सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना जरूरी हो गया है। शिक्षा के इस दौर में मानसिक दबाव को पहचानना और उसके लिए सही सहायता उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है, ताकि कोई और अंकित अपनी ज़िंदगी से हार न मान ले।

क्या आत्महत्या ही आखिरी रास्ता है? अगर आप या आपका कोई करीबी मानसिक तनाव से जूझ रहा है, तो खुलकर बात करें, मदद लें, और जीवन को एक नई उम्मीद दें।