देवापार में विकास योजनाओं की लूट! बिना कार्य कराए करोड़ों की निकासी का आरोप, ग्रामीण ने की सख्त जांच की मांग

आजमगढ़ जनपद के देवापार ग्राम पंचायत में वित्तीय योजनाओं की धज्जियाँ उड़ाते हुए भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जागरूक नागरिक दुर्गा प्रसाद ने ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारियों पर चौथा, पांचवां, तेरहवां, चौदहवां, पंद्रहवां वित्त और राज वित्त मद के अंतर्गत फर्जी बिल वाउचर के ज़रिए बिना कार्य कराए ही भुगतान कराने का गंभीर आरोप लगाया है।
प्राप्त शपथ-पत्र और शिकायत पत्र के अनुसार, वर्ष 2021 से 2025 तक मनरेगा और विभिन्न वित्तीय मदों के अंतर्गत दर्जनों योजनाओं जैसे व्यक्तिगत पोखरी खुदाई, नाली, पटिया, खड़ंजा, चकबंद, संपर्क मार्ग मरम्मत, समतलीकरण आदि कार्यों को केवल कागजों पर दर्शा कर धन निकासी कर ली गई, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं हुआ।
शिकायत में विस्तार से बताया गया है कि –
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गाटा संख्या और नाम सहित लगभग 30 से अधिक स्थानों पर व्यक्तिगत पोखरी खुदाई,
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कई स्थानों पर नाली, पटिया और खड़ंजा निर्माण,
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तथा चकबंदी और संपर्क मार्ग मरम्मत कार्यों में भारी अनियमितता बरती गई है।
उदाहरणस्वरूप—
रामलाल, राजेंद्र, महेंद्र, कपिल, नौसाद, वलीराम, प्रेम, भीम, प्रकाश, फैजान, अहमद, अर्चना, और निशा आदि के नाम पर कार्य दिखाकर फर्जी भुगतान किए गए। इसी प्रकार सोहरैया, सुल्तानपुर, बंगालीपट्टी, चक्शादानियाल, पतार, कुड़ीयवा जैसे क्षेत्रों में दर्जनों योजनाएं कागजों में पूरी कर दी गईं, पर ज़मीन पर उनका कोई अता-पता नहीं।
दुर्गा प्रसाद ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इन 45 संदिग्ध निर्माण कार्यों की गहराई से जांच करवाई जाए और दोषी ग्राम प्रधान व अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। साथ ही यह भी अपील की गई है कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिए सख्त और पारदर्शी निगरानी तंत्र की स्थापना की जाए।
यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और जन-विश्वास के साथ छल का प्रतीक बन चुका है। यदि इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो यह योजनाएं महज़ कागज़ों की खानापूरी बनकर रह जाएंगी और असली लाभार्थी वंचित रह जाएंगे।
-This news has been written as per the complainant... rv9 news is not denying it