भारतीय वायुसेना और फ्रांसीसी वायु एवं अंतरिक्ष बल का द्विपक्षीय वायु अभ्यास शुरू, मोंट-डे-मार्सन बना रणनीतिक शक्ति का केंद्र
गरुड़–25: भारत–फ्रांस आसमान में साथ उड़ान
नई दिल्ली/फ्रांस, 16 नवंबर 2025
भारत और फ्रांस के सामरिक एवं सैन्य सहयोग को नई ऊंचाई देने वाला बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय वायु अभ्यास ‘गरुड़ 25’ फ्रांस के मोंट-डे-मार्सन एयरबेस पर शानदार अंदाज़ में शुरू हो गया है। भारतीय वायु सेना (IAF) और फ्रांस के वायु एवं अंतरिक्ष बल (FASF) के बीच यह प्रतिष्ठित अभ्यास 16 से 27 नवंबर 2025 तक चलेगा।

एसयू-30MKI की गर्जना, फ्रांसीसी फाइटर्स के साथ संयुक्त उड़ान
भारतीय वायुसेना की टुकड़ी 10 नवंबर 2025 को फ्रांस पहुंच

चुकी है। इस अभ्यास में भारत ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए शामिल किए—
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एसयू-30MKI लड़ाकू विमान
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सी-17 ग्लोबमास्टर III (ट्रूप एवं उपकरण एयरलिफ्ट हेतु)
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आईएल-78 टैंकर विमान (हवा में ईंधन भरने के लिए)
यह संयोजन न केवल भारत की टेक्नोलॉजी और सामरिक दक्षता का प्रतीक है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में IAF की उच्च क्षमता को भी रेखांकित करता है।
रणनीतिक फोकस: हवा से हवा में युद्ध, संयुक्त हमले और एयर डिफेंस

अभ्यास गरुड़ 25 का मुख्य उद्देश्य अत्यंत जटिल और वास्तविक लड़ाकू परिस्थितियों में आपसी संचालन क्षमता (Interoperability) का परीक्षण और परिष्कृत करना है। इस दौरान अभ्यास में शामिल सेनाएं—
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हवा से हवा में युद्ध (Air-to-Air Combat)
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एयर डिफेंस मिशन
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संयुक्त हमला अभियान (Combined Strike Operations)
जैसे उच्च स्तरीय अभियानों को अंजाम देंगी। फ्रांस के उन्नत बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान और भारतीय एसयू-30MKI के बीच संयुक्त अभ्यास दोनों देशों की वायु शक्तियों को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
गरुड़ 25: आपसी समझ, साझेदारी और प्रोफेशनलिज़्म का आकाशीय सेतु
यह अभ्यास सिर्फ युद्धाभ्यास नहीं, बल्कि भारत और फ्रांस की मित्रता, विश्वास और साझा रक्षा दृष्टिकोण का दर्पण है।
यह मंच दो अहम अवसर प्रदान करता है—
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प्रोफेशनल संवाद और अनुभवों का आदान-प्रदान
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सर्वोत्तम प्रचालन पद्धतियों को साझा करने का मौका
IAF का यह कदम दर्शाता है कि भारत मित्र देशों की वायु सेनाओं के साथ जुड़कर वैश्विक सुरक्षा ढांचे में अपनी भूमिका को गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ा रहा है।
IAF की वैश्विक रणनीति में नया अध्याय
‘गरुड़ 25’ में भारत की भागीदारी स्पष्ट करती है कि भारतीय वायुसेना आधुनिक युद्धक कौशल, तकनीकी श्रेष्ठता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर निरंतर जोर दे रही है।यह अभ्यास भविष्य के बहुपक्षीय अभियानों में संयुक्त संचालन को और अधिक सशक्त बनाएगा।






