करवल मझगावा में छठ महापर्व का भव्य आयोजन — झांकी, गीत और दीपों की आभा में नहाया पूरा गाँव, श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
- आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता चंद्रप्रकाश मौर्य के साथ शुभम शर्मा
गोरखपुर। आस्था, श्रद्धा और लोकसंस्कृति के उज्ज्वल प्रतीक महापर्व छठ पूजा का पर्व सोमवार को ग्राम करवल मझगावा में भक्ति और उल्लास के अनुपम संगम के रूप में मनाया गया। सूर्योपासना के इस पावन अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या, झांकी और भजन कार्यक्रम ने गाँव के वातावरण को पूर्णतः भक्तिमय बना दिया। गाँव के छठ घाट पर चारों दिशाओं से श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की भीड़ के बीच “छठ मईया की जय” और “सूर्य देव की जय” के जयघोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल के नेतृत्व में सजा भव्य आयोजन
इस अद्भुत आयोजन का संचालन ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल के नेतृत्व में हुआ। उनकी अगुवाई में छठ घाट को दीपों, फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया, जो किसी आस्था के उत्सव स्थल से कम नहीं दिख रहा था। पूरे आयोजन में अनुशासन, सौंदर्य और भक्ति का ऐसा संतुलन देखने को मिला जिसने हर श्रद्धालु को प्रभावित किया। आसपास के छह गाँवों से श्रद्धालु परिवार सहित घाट पर पहुंचे, जहाँ हर चेहरे पर छठ मइया के प्रति आस्था की चमक थी।

भक्ति गीतों और लोकनृत्य ने बांधा समां
शाम ढलते ही जब अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी चल रही थी, तभी मंच पर शुरू हुआ भक्ति संगीत का अनूठा कार्यक्रम। भजन गायिका अंजली शुक्ला, गायक मनोज तिवारी ‘मंगल’, रंजीत पांडेय और अंशिका लहरि की प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को भक्ति रस से भर दिया। स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोकनृत्य और भव्य झांकी ने दर्शकों को देर रात तक मंत्रमुग्ध रखा। हर प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही।
सुरक्षा, स्वच्छता और सौंदर्य का अद्भुत संगम
छठ घाट को फूलों की झालरों, एलईडी लाइटों और सजावटी पंडालों से सजाया गया था। भक्तों की सुविधा के लिए अलग पूजा स्थल, बैठने की व्यवस्था, स्वच्छता और सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई। ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल स्वयं पूरे आयोजन स्थल का निरीक्षण करते नजर आए। उनके निर्देशन में हर व्यवस्था इतनी सुव्यवस्थित रही कि श्रद्धालुओं को कहीं कोई असुविधा नहीं हुई।

ग्राम प्रधान का प्रेरक संदेश — "आस्था ही हमारी एकता की डोर"
कार्यक्रम के दौरान ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल ने सभी श्रद्धालुओं को छठ की शुभकामनाएँ देते हुए कहा —
“छठ पूजा हमारी संस्कृति का उज्ज्वल प्रतीक है, जो सूर्य उपासना, पवित्रता और सामाजिक एकता का संदेश देता है। व्रती माताएँ और बहनें अपनी तपस्या से पूरे समाज में भक्ति, शुद्धता और सकारात्मकता का वातावरण निर्मित करती हैं।”
उन्होंने आगे कहा —
“छठी मइया से मेरी प्रार्थना है कि सभी क्षेत्रवासी स्वस्थ, खुशहाल और समृद्ध रहें। आइए, हम सब मिलकर अपने गाँव में स्वच्छता, शिक्षा और विकास की ज्योति जलाएँ, ताकि करवल मझगावा पूरे क्षेत्र के लिए एक मिसाल बन सके।”
आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम
करवल मझगावा का यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक रहा, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक समृद्धि और ग्रामीण विकास की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण भी बन गया।
भक्ति और उल्लास से भरे इस आयोजन ने करवल मझगावा को एक दिन के लिए धार्मिक राजधानी का रूप दे दिया। जब जल में दीप झिलमिलाए, गीत गूंजे और भक्त झुके — तब लगा मानो आस्था स्वयं उतर आई हो धरती पर। छठ की यह संध्या श्रद्धा, संस्कृति और सामूहिकता की अमर गाथा बनकर गाँव की यादों में दर्ज हो गई।






