महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला: सरकारी कार्यालयों में अब केवल मराठी में होगी बातचीत!

महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला: सरकारी कार्यालयों में अब केवल मराठी में होगी बातचीत!

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने मराठी भाषा को सरकारी कार्यप्रणाली में अनिवार्य बनाते हुए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। स्टेट प्लानिंग डिपार्टमेंट द्वारा जारी नई अधिसूचना के अनुसार, अब सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में अधिकारी केवल मराठी भाषा में बातचीत करेंगे। हालांकि, यह नियम भारत के बाहर से आने वाले अथवा गैर-मराठी भाषी राज्यों के आगंतुकों पर लागू नहीं होगा। सरकार के इस निर्णय को महाराष्ट्र की संस्कृति और मराठी अस्मिता को मजबूती देने वाला कदम माना जा रहा है। प्रशासनिक स्तर पर मराठी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने से आम जनता को अपने कार्यों के लिए सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार का यह निर्णय राज्य में मराठी भाषा को बढ़ावा देने की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस फैसले का विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने स्वागत किया है, वहीं कुछ वर्गों में इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नई नीति सरकारी कार्यप्रणाली में कितना प्रभावशाली बदलाव लाती है और महाराष्ट्र के नागरिकों को कितना लाभ पहुंचाती है!