धर्मांतरण पर सख़्त शिकंजा! राजस्थान सरकार लाई नया विधेयक, जबरन या कपट से धर्म बदलवाने पर उम्रकैद तक की सज़ा

राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए “विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025” लाने का निर्णय लिया है। यह विधेयक पहले से कहीं अधिक कठोर प्रावधानों के साथ तैयार किया गया है, जिसमें जबरन, कपट, प्रलोभन या विवाह के जरिए धर्मांतरण पर 7 साल से लेकर उम्रकैद तक की सज़ा और लाखों रुपये का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। सबसे अहम बात यह है कि यदि मामला सामूहिक धर्मांतरण का होगा, तो दोषियों को 20 साल तक की सज़ा या उम्रकैद और 25 लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ेगा।
सरकार का दावा है कि इस विधेयक का मकसद “धर्म की आड़ में हो रहे छल, दबाव और असामाजिक गतिविधियों पर रोक लगाना” है। वहीं, विपक्ष ने इस कदम को लेकर बहस छेड़ दी है। कुछ इसे सामाजिक सौहार्द की रक्षा का प्रयास बता रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक एजेंडा करार दे रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस कानून के लागू होने के बाद राजस्थान देश के उन राज्यों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां धर्मांतरण विरोधी कानून सबसे कठोर रूप में लागू होंगे।
अब नज़र विधानसभा की कार्यवाही पर है, जहां यह विधेयक प्रस्तुत होने के बाद बड़ा राजनीतिक और सामाजिक विमर्श छेड़ने वाला है।