भारत के बच्चों पर नई रिपोर्ट: शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण में बड़ी प्रगति

भारत के बच्चों पर नई रिपोर्ट: शिक्षा, स्वास्थ्य और संरक्षण में बड़ी प्रगति

नई दिल्ली/चंडीगढ़।
भारत में बच्चों की स्थिति पर केंद्रित केंद्रीय सरकार की महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट “चिल्ड्रन इन इंडिया 2025” का चौथा अंक 25 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ में आयोजित 29वें केंद्रीय एवं राज्य सांख्यिकी संगठनों (COCSSO) सम्मेलन के दौरान जारी किया गया। यह प्रकाशन, जिसे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) संकलित करता है, 2008 से जारी इस श्रृंखला का हिस्सा है और बच्चों के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं—शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, बाल संरक्षण और सतत विकास लक्ष्यों—का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है।


रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

स्वास्थ्य और जीवन दर

  • शिशु मृत्यु दर (IMR): 2011 में 44 से घटकर 2023 में 25।

    • पुरुषों में दर (26) महिलाओं (25) की तुलना में थोड़ी अधिक।

  • पाँच वर्ष से कम आयु मृत्यु दर (U5MR): 2022 के 30 से घटकर 2023 में 29।

    • ग्रामीण क्षेत्रों में 33, शहरी क्षेत्रों में 20।

  • जन्म दर: 2023 में प्रति 1,000 जनसंख्या पर 18.4।

    • ग्रामीण: 20.3, शहरी: 14.9।


शिक्षा और विकास

  • ड्रॉपआउट दर में ऐतिहासिक गिरावट:

    • प्राथमिक स्तर: 8.7% (2023-24) से घटकर 2.3% (2024-25)।

    • माध्यमिक स्तर: 8.1% से घटकर 3.5%।

    • उच्चतर माध्यमिक स्तर: 13.8% (2022-23) से घटकर 8.2% (2024-25)।

  • लैंगिक समानता:

    • Gender Parity Index (GPI) से संकेत—2024-25 में राष्ट्रीय स्तर पर सभी शिक्षा स्तरों पर समानता हासिल, जिसमें माध्यमिक स्तर पर GPI सबसे अधिक 1.1 रहा।


बाल विवाह में गिरावट

  • 18 वर्ष की आयु से पहले विवाह करने वाली 20-24 वर्ष की महिलाओं का प्रतिशत:

    • 2015-16: 26.8%

    • 2019-21: 23.3%


गोद लेने के आँकड़े

  • देश के भीतर गोद लेने की संख्या (2024-25): 4,155 बच्चे

    • लड़कियाँ: 2,336

    • लड़के: 1,819

  • अंतर-देशीय गोद लेना: प्रति वर्ष 360–653 के बीच।
    ???? आँकड़े संकेत करते हैं कि लड़कियों को लड़कों की तुलना में अधिक गोद लिया गया।


प्रकाशन की विशेषताएँ

  • 7 अध्याय: विहंगावलोकन, जनसंख्या एवं सांख्यिकी, स्वास्थ्य- पोषण, शिक्षा-विकास, बाल अपराध व संरक्षण, नीति एवं विधिक ढांचा, और बच्चों से जुड़े सतत विकास लक्ष्य।

  • नई विषयवस्तु: मृत्यु के कारण, गोद लेने के आँकड़े, करियर तुलना, मोबाइल और डिजिटल उपकरणों का उपयोग।

  • प्रौद्योगिकी एकीकरण: प्रकाशन में QR कोड के माध्यम से एक्सेल प्रारूप में विस्तृत डेटा तालिकाओं तक सीधी पहुँच।

  • विशेषज्ञ समिति: विभिन्न मंत्रालयों और विशेषज्ञों की भागीदारी से प्रकाशन को पुनर्गठित किया गया।


“चिल्ड्रन इन इंडिया 2025” रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि भारत ने बीते दशक में शिशु मृत्यु दर में कमी, शिक्षा में ड्रॉपआउट दर घटाने, बाल विवाह रोकने और बाल संरक्षण को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।

यह प्रकाशन नीति-निर्माताओं के लिए एक ठोस आधार है जिससे साक्ष्य-आधारित निर्णय लिए जा सकें और बच्चों के अधिकारों एवं कल्याण को मजबूत बनाया जा सके।