मौत के बाद भी छुपाते रहे हकीकत: वैभव नर्सिंग होम में प्रसूता की संदिग्ध मौत, डॉक्टर दो घंटे तक देते रहे झूठी तसल्ली

संवाददाता- चंद्रप्रकाश मौर्य, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर जिले के गगहा थाना क्षेत्र के हाटा बाजार स्थित वैभव नर्सिंग होम एक बार फिर चर्चा में है — लेकिन इस बार भी वजह दर्दनाक और शर्मनाक है। अस्पताल में शनिवार को एक प्रसूता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, और डॉक्टरों ने मौत के दो घंटे बाद तक परिजनों को अंधेरे में रखा।
30 वर्षीय पूजा पासवान, निवासी लखनापार, को प्रसव पीड़ा होने पर उसके पति रूपेश ने हाटा बाजार के इस निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सुबह करीब 10:30 बजे डॉक्टर संदीप यादव और अस्पताल संचालक विक्रम मद्धेशिया ने ऑपरेशन (सीजर) द्वारा प्रसव कराया। बच्चा तो पैदा हो गया, लेकिन पूजा की हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार उसकी मौत हो गई।
दो घंटे की ‘झूठी तसल्ली’, मौत की खबर ने तोड़ा परिवार
पूजा की मौत कब हुई, यह परिवार को खुद नहीं पता। डॉक्टर और अस्पताल कर्मी दोपहर भर यही कहते रहे कि "जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं" और कोई चिंता की बात नहीं है। लेकिन शाम करीब 6:30 बजे अचानक डॉक्टर ने पूजा की मौत की जानकारी दी।
यह सुनते ही परिजन स्तब्ध रह गए, फिर आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने डॉक्टर को पकड़कर गगहा थाने में सौंप दिया। थाने पर देर रात तक परिजनों और ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा रही।
नवजात की हालत नाजुक, दूसरे अस्पताल में इलाज जारी
पूजा के नवजात शिशु की हालत भी गंभीर बनी हुई है। परिजन उसे बेहतर इलाज के लिए बड़हलगंज स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए हैं, जहां उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
वैभव नर्सिंग होम: मौतों का ‘अड्डा’ बनता जा रहा यह अस्पताल
यह पहली बार नहीं है जब वैभव नर्सिंग होम पर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी कई प्रसूताओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। बावजूद इसके, न तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई की और न ही स्थानीय प्रशासन ने अस्पताल की कार्यप्रणाली की समीक्षा की।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में अनट्रेंड स्टाफ, लापरवाही और धनलोभ के चलते लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कहा जा रहा है कि अस्पताल संचालक विक्रम मद्धेशिया को कुछ सफेदपोशों और स्थानीय पुलिस का संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण हर बार मामला "मैनेज" कर लिया जाता है।
प्रशासन पर उठ रहे सवाल, न्याय की मांग तेज
पूजा की मौत ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे क्षेत्र में आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन जागता, तो पूजा जैसी माताओं की जान बचाई जा सकती थी।
गगहा थाना प्रभारी सुशील कुमार ने बताया कि महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, और मामले की जांच की जा रही है।
समाज के लिए सबक, व्यवस्था के लिए सवाल
पूजा की मौत कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों और बेखौफ लापरवाही की एक क्रूर मिसाल है। कब तक ऐसे अस्पतालों में गरीबों की जान यूँ ही जाती रहेगी? कब तक इंसाफ सिर्फ फाइलों में दबा रहेगा?
अब ज़रूरत है कि प्रशासन सख्त रुख अपनाए, दोषियों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो और वैभव नर्सिंग होम जैसे 'सुरक्षित जानलेवा' अस्पतालों पर तत्काल प्रभाव से ताला लगे।
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(नोट: यह रिपोर्ट पूरी तरह तथ्यों पर आधारित है और मृतका के परिजनों एवं स्थानीय लोगों के बयान पर आधारित है। प्रशासन से विस्तृत जांच की अपेक्षा की जाती है।)