आजमगढ़: जिलाधिकारी ने की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा, स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाने पर जोर

आजमगढ़: जिलाधिकारी ने की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा, स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाने पर जोर

आजमगढ़, 28 अगस्त 2024: जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा गठित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सशक्त बनाना और उनके उत्पादों की ब्रांडिंग तथा बाजार उपलब्ध कराना था, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने डीसी एनआरएलएम को निर्देश दिए कि बैंक के शाखा प्रबंधकों के साथ समन्वय स्थापित कर लंबित सीसीएल आवेदन पत्रों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े समूहों के उत्पादों, विशेषकर ब्लैक पॉटरी के उत्पादों की ब्रांडिंग को प्राथमिकता दी जाए और उन्हें व्यापक बाजार उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने स्वयं सहायता समूहों द्वारा जैविक खाद से उत्पन्न उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। श्री भारद्वाज ने गुणवत्ता सुधारते हुए एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) में रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता पर बल दिया।

जिलाधिकारी ने डीसी एनआरएलएम को निर्देशित किया कि छोटे स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए उन्हें अच्छे और गुणवत्तापूर्ण एसएचजी समूहों के साथ जोड़कर विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से समूहों की क्षमता को निखारा जा सकता है और उन्हें विभिन्न व्यवसायों में सक्षम बनाया जा सकता है। श्री भारद्वाज ने सुझाव दिया कि कैंटीन, ब्यूटी पार्लर, मसाला निर्माण, सब्जी की दुकान, सिलाई सेंटर, साड़ी बुनाई, बैग निर्माण, बेकरी उत्पादन, बकरी/भेड़/मुर्गी/बत्तख/मछली पालन, किराना स्टोर, फर्नीचर दुकान, चूड़ी निर्माण, इलेक्ट्रिकल दुकान, दोना-पत्तल निर्माण, सीआईबी बोर्ड निर्माण, कपड़े की दुकान जैसे विभिन्न कार्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर समूहों को मजबूत किया जाए।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विशेष रूप से मत्स्य पालन करने वाले स्वयं सहायता समूहों का ध्यान केंद्रित किया और कहा कि इन समूहों के लिए केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) कार्ड बनवाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके और उनका व्यवसाय तेजी से प्रगति कर सके। 

इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री परीक्षित खटाना, एलडीएम, डीसी एनआरएलएम, और विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। सभी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की और कार्यक्रमों की सफलता के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।

यह बैठक ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में आयोजित इस बैठक ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी आजीविका को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार में स्थापित करने, उनकी ब्रांडिंग और उन्हें उचित प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का यह प्रयास न केवल उनके आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाएगा, बल्कि उनके सामाजिक सशक्तिकरण में भी योगदान देगा। इस प्रकार, आजमगढ़ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का यह प्रयास न केवल समूहों को मजबूत करेगा, बल्कि जिले की समग्र विकास यात्रा को भी नया आयाम देगा।