नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में अभियुक्त गिरफ्तार, पुलिस की मुस्तैदी से हुई त्वरित कार्रवाई

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में अभियुक्त गिरफ्तार, पुलिस की मुस्तैदी से हुई त्वरित कार्रवाई

आजमगढ़, उत्तर प्रदेश – एक नाबालिग के साथ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और उसके गर्भवती होने के मामले में अभियुक्त अशोक पुत्र बहादुर को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना आजमगढ़ के जीयनपुर थाना क्षेत्र के तिवारीपट्टी गांव की है, जहां आरोपी अशोक ने वादी की नाबालिग पुत्री को बहला-फुसला कर अपने साथ भगाया और शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया। घटना की सूचना मिलने पर जीयनपुर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के नेतृत्व में अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप आज, दिनांक 01.09.2024 को अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया।दिनांक 31.08.2024 को वादी मुकदमा द्वारा थाना जीयनपुर में दी गई तहरीर के अनुसार, अभियुक्त अशोक पुत्र बहादुर ने उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसला कर अपने साथ भगा ले गया और शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। नाबालिग लड़की इस अमानवीय कृत्य के चलते गर्भवती हो गई। जब वादी ने इस घटना की शिकायत अभियुक्त अशोक के पिता बहादुर से की, तो उन्हें गर्भपात कराने और वादी के परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। इस संबंध में पुलिस ने मामला पंजीकृत कर दिया है। अभियुक्त अशोक और उसके पिता बहादुर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), धारा 506 (धमकी देना) और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5J(2)/6 के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना के नेतृत्व में वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत इस मामले में भी त्वरित कार्रवाई की गई। थानाध्यक्ष जीयनपुर, विवेक कुमार पाण्डेय और उनकी टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए सुनियोजित रणनीति बनाई। दिनांक 01.09.2024 को समय लगभग 12:15 बजे ग्राम तिवारीपट्टी में छापा मारकर अभियुक्त अशोक पुत्र बहादुर को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद अभियुक्त को न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है। गिरफ्तारी की इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में थानाध्यक्ष विवेक कुमार पाण्डेय के साथ कांस्टेबल मितीश कुमार, उत्कर्ष शुक्ला, मनीष खरवार और महिला कांस्टेबल अर्चना कुशवाहा ने अपनी भूमिका निभाई। इस घटना ने क्षेत्र में आक्रोश और चिंता पैदा कर दी है। नाबालिग के साथ हुए इस जघन्य अपराध ने समाज में सुरक्षा और न्याय की मांग को और अधिक मजबूती से सामने रखा है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और अभियुक्त की गिरफ्तारी से पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद जागी है।

पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "हम ऐसे अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह हमारी प्राथमिकता है कि पीड़ितों को न्याय मिले और अपराधियों को उनके किए की सजा दी जाए।" उन्होंने आगे कहा कि पुलिस पूरी तत्परता से जांच कर रही है और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। इस प्रकार की घटनाएं समाज के लिए चेतावनी हैं कि नाबालिगों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक जागरूकता की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और पीड़ितों को सहयोग प्रदान करना समाज का कर्तव्य है। पुलिस द्वारा इस मामले में की गई त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि कानून के लंबे हाथ किसी भी अपराधी को बख्शने वाले नहीं हैं। अब समाज की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी घटनाओं के प्रति जागरूक रहे और जरूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आए।