28 जुलाई: जब स्वास्थ्य और प्रकृति एक सुर में बोलते हैं

पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता का साझा मंच बना विश्व हेपेटाइटिस दिवस
हर साल 28 जुलाई को जहां एक ओर विश्व हेपेटाइटिस दिवस के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, वहीं दूसरी ओर कई पर्यावरणीय संगठन भी इस दिन का उपयोग प्राकृतिक पारिस्थितिकी, जैव विविधता संरक्षण और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जन-जागरूकता फैलाने के लिए करते हैं।
यह कोई संयोग नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण संदेश है — कि स्वस्थ पर्यावरण और स्वस्थ जीवन एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हैं।
प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण, जलवायु परिवर्तन, और प्रदूषण जैसे कारक न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि यह संक्रामक बीमारियों के प्रसार को भी तेज़ करते हैं — जैसे हेपेटाइटिस, मलेरिया, डेंगू आदि।
इसलिए, कई जागरूक संगठनों ने इस दिन को स्वास्थ्य और पर्यावरण के संगम बिंदु के रूप में अपनाया है।
वे कार्यशालाएँ, जन-संवाद, वृक्षारोपण, और जागरूकता रैलियों के माध्यम से यह संदेश देते हैं कि:
“एक हरा-भरा वातावरण ही एक स्वस्थ समाज की बुनियाद है।”
आज के दिन का संदेश स्पष्ट है:
हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई तभी सफल होगी जब हम पर्यावरणीय कारकों को भी समझें और सुधारें।
प्रकृति की रक्षा, स्वास्थ की सुरक्षा है।
आइए, इस 28 जुलाई को केवल टीकाकरण या जागरूकता तक सीमित न रखें, बल्कि पर्यावरण की रक्षा का भी संकल्प लें।