संघर्ष से सिनेमा तक: अनूप कुमार की सहज मुस्कान और सशक्त अभिनय की कहानी

28 जुलाई 1930: हिंदी सिनेमा के बहुमुखी अभिनेता का जन्मदिन
आज है उस कलाकार की जयंती, जिसकी मौजूदगी ने पर्दे पर हास्य, भावनाओं और रिश्तों को जीवंत किया।
अनूप कुमार, हिंदी सिनेमा के चर्चित अभिनेता और गायक-अभिनेता किशोर कुमार के भाई — जिनका जन्म 28 जुलाई 1930 को हुआ था।
उन्होंने ‘चलती का नाम गाड़ी’, ‘गंगा की लहरें’, ‘बंदी’, और ‘धमकी’ जैसी कई फिल्मों में अपनी सरल लेकिन प्रभावशाली अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता।
गांगुली परिवार से आने वाले अनूप कुमार ने हमेशा अपनी एक अलग पहचान बनाई — न गायक बने, न ही हीरो के सांचे में ढले, लेकिन हर किरदार में जान फूंक दी।
उनका अभिनय आम आदमी की तरह था — सादा, सच्चा और दिल से जुड़ा हुआ। उन्होंने अपने समय के सितारों के साथ काम कर यह साबित कर दिया कि सिनेमा केवल स्टार पावर नहीं, बल्कि आत्मा से चलता है।
आज भले ही वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका काम सदा जीवित है, उन रीलों में, उन किरदारों में — जो हँसाते भी हैं, रुलाते भी हैं।
श्रद्धांजलि उस अभिनेता को, जो बिना शोर मचाए दिलों में उतर गया।
याद रखें, अभिनय के असली रत्न वो होते हैं, जो अभिनय से ज्यादा इंसानियत दे जाते हैं।