बॉटम-ट्रॉलिंग पर सख्ती, समुद्री जीवन की सुरक्षा को मिली नई दिशा

बॉटम-ट्रॉलिंग पर सख्ती, समुद्री जीवन की सुरक्षा को मिली नई दिशा

30 जुलाई 2025 | स्थान: नई दिल्ली | स्रोत: PIB

भारत सरकार अब समुद्री जीवन के संरक्षण और मछुआरों की आजीविका के संतुलन हेतु निर्णायक कदम उठा रही है। बॉटम-ट्रॉलिंग जैसी विनाशकारी मछली पकड़ने की तकनीकों पर नियंत्रण को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें एक साथ सक्रिय हो गई हैं।

क्या है बॉटम-ट्रॉलिंग?

बॉटम-ट्रॉलिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें समुद्र की सतह को खुरचते हुए भारी जाल से मछलियाँ पकड़ी जाती हैं। इससे समुद्री पारिस्थितिकी पर गंभीर असर पड़ता है, जिसमें कई गैर-लक्षित प्रजातियाँ भी फँस जाती हैं। इसके समाधान के लिए बाय-कैच रिडक्शन डिवाइसेज जैसे टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस (TED) का उपयोग किया जा रहा है।

समुद्री कछुओं के लिए सुरक्षा कवच बना TED

भारत सरकार ने सभी तटीय राज्यों को अपने कानूनों में संशोधन कर TED को अनिवार्य बनाने का निर्देश दिया था। अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे सभी नौ तटीय राज्यों ने इसे लागू कर दिया है।

अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे द्वीपीय केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से ही बॉटम ट्रॉलिंग पर प्रतिबंध है।

 LED लाइट और पेयर ट्रॉलिंग पर सख्ती

विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में LED लाइट या पेयर/बुल ट्रॉलिंग जैसी मछली पकड़ने की हानिकारक तकनीकों पर पहले ही प्रतिबंध लग चुका है। राज्यों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जल क्षेत्रों में ऐसे तरीकों पर रोक लगाएं और उल्लंघन करने वाले जहाजों के लाइसेंस रद्द या निलंबित करें।

मछुआरों को मिला संसाधन-विशिष्ट मछली पकड़ने का विकल्प

केंद्र सरकार पारंपरिक मछुआरों को डीप-सी फिशिंग की ओर प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए 'ब्लू रिवोल्यूशन' और 'प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY)' के तहत मछुआरों को:

  • नई तकनीकी फिशिंग वेसल खरीदने के लिए वित्तीय सहायता

  • पुराने ट्रॉल वेसल्स का उन्नयन

  • निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद

  • सी रेंचिंग, आर्टिफिशियल रीफ्स, सी वीड की खेती और केज कल्चर जैसी नवाचारी गतिविधियों को बढ़ावा

 टिकाऊ मत्स्य उत्पादन की ओर बढ़ता भारत

PMMSY के तहत समुद्र के किनारे के क्षेत्रों में समुद्री कृषि और शैवाल उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि फिशिंग के दबाव को कम किया जा सके और समुद्री पारिस्थितिकी को संतुलित रखा जा सके।


केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन ने राज्य सभा में जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी पहलों का उद्देश्य न केवल समुद्री जीवों की रक्षा करना है, बल्कि भारत के लाखों मछुआरों को सुरक्षित, स्थायी और समृद्ध आजीविका प्रदान करना भी है।


भारत अब मछली पकड़ने की पारंपरिक विधियों से आधुनिक और पर्यावरण-संवेदनशील उपायों की ओर अग्रसर हो रहा है। यह न केवल पर्यावरण की रक्षा है, बल्कि मछुआरा समुदाय की आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।