एचसीएल और ऑयल इंडिया की ऐतिहासिक साझेदारी: भारत में महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों की खोज और विकास को नई दिशा

भारत की खनिज आत्मनिर्भरता और ऊर्जा सुरक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में 19 सितम्बर 2025 को एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) ने तांबे सहित महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के अन्वेषण एवं विकास के लिए सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
दो दिग्गज संस्थानों की भागीदारी
खान मंत्रालय के अधीन मिनीरत्न सार्वजनिक उपक्रम, एचसीएल, तांबे के खनन, उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन में अग्रणी है। वर्तमान में यह कंपनी तांबे के अयस्क और सांद्रण के उत्पादन पर केंद्रित है।
वहीं, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन महारत्न सार्वजनिक उपक्रम, ऑयल इंडिया, ऊर्जा क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बना चुका है। कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज, उत्पादन और परिवहन में विशेषज्ञता रखने वाली यह कंपनी अब रणनीतिक खनिज क्षेत्र में भी कदम बढ़ा रही है।
साझेदारी की गरिमा
इस समझौते पर एचसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री संजीव कुमार सिंह और ऑयल इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. रंजीत रथ ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर दोनों कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
रणनीतिक खनिजों से मजबूत होगी आत्मनिर्भरता
यह साझेदारी न केवल भारत की खनिज सुरक्षा को सुदृढ़ करेगी, बल्कि राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के उद्देश्यों को भी गति देगी। इससे औद्योगिक विकास, तकनीकी उन्नति और ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक रणनीतिक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
सरकार की दृष्टि से सामंजस्य
भारत सरकार लंबे समय से महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज मिशन को लेकर प्रतिबद्ध है। एचसीएल और ऑयल इंडिया का यह कदम देश को खनिज संसाधनों की खोज, विकास और उत्पादन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों तक ले जाने वाला साबित होगा।