लाल किले के पास बम धमाका: दिल्ली दहली, मौत का मंजर! — 10 की मौत, 24 घायल; NIA करेगी जांच
नई दिल्ली, 11 नवम्बर 2025 | ब्यूरो रिपोर्ट
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की दीवारों के पास सोमवार शाम का सूरज ढल ही रहा था कि अचानक एक भीषण धमाके ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। शाम 6:52 बजे के करीब आई20 कार में हुआ यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी 6 से 10 गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए। कुछ ही क्षणों में हर तरफ चीख-पुकार, धुआं और सन्नाटा पसरा था। इस दर्दनाक हादसे में अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 24 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायल नागरिकों को लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल और अन्य नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
मौत की रात — जब दिल्ली कांप उठी
लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर सोमवार की शाम सामान्य सी लग रही थी। अचानक एक सफेद आई20 कार से तेज धमाके की आवाज़ आई और चारों ओर धुएं का गुबार फैल गया। लोगों को कुछ समझ आता, इससे पहले सड़क पर बिखरे शीशे, जलती गाड़ियां और घायल चीखते लोग दिखने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, “धमाका इतना जोरदार था कि ज़मीन हिल गई... ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो।”
धमाके के तुरंत बाद राजधानी में हाई अलर्ट
दिल्ली पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गईं। पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है।दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने सुरक्षा कारणों से लाल किला मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया है। बाकी सभी मेट्रो स्टेशन सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं।पुलिस ने नेताजी सुभाष मार्ग के एक बड़े हिस्से पर यातायात प्रतिबंध और डायवर्जन लागू कर दिया है — चट्टा रेल कट से सुभाष मार्ग कट तक दोनों दिशाओं में वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।
जांच अब NIA के हवाले
धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने तुरंत UAPA की धारा 16 और 18 समेत विस्फोटक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की। पहले जांच लोकल पुलिस और स्पेशल सेल कर रही थी, लेकिन अब यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया गया है।जांच के शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह धमाका किसी आतंकी साजिश से जुड़ा हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद से गिरफ्तार आरोपी से इसका सीधा लिंक जुड़ता दिख रहा है। पुलिस डॉ. मोहम्मद उमर नामक संदिग्ध की तलाश कर रही है, जो घटना के दिन दिल्ली में मौजूद बताया जा रहा है।
पहाड़गंज में छापेमारी — चार हिरासत में
दिल्ली पुलिस ने देर रात पहाड़गंज इलाके के एक होटल में छापा मारा और चार संदिग्धों को हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि धमाके में इस्तेमाल हुआ बम आईईडी (IED) प्रकार का था।
धमाके वाली कार की कड़ी दर कड़ी कहानी
पुलिस ने जांच में जिस कार (नंबर HR-26-CE-7674) से विस्फोट हुआ, उसके मालिक की पहचान कर ली है। कार का रजिस्ट्रेशन गुरुग्राम निवासी सलमान के नाम पर था। पूछताछ में उसने बताया कि उसने यह कार ओखला निवासी देवेंद्र को बेची थी। देवेंद्र ने इसे अंबाला में किसी तीसरे व्यक्ति को बेचा, और वहां से कार पुलवामा निवासी तारिक तक पहुंची। दिलचस्प बात यह है कि 2019 के पुलवामा हमले में भी इसी तरह एक विस्फोटक वाहन का इस्तेमाल हुआ था।
श्रावस्ती का बेटा दिनेश भी नहीं लौटा
इस दर्दनाक हादसे में उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के चिकनीपुरवा गांव निवासी दिनेश मिश्रा (34) की भी मौत हो गई। पहचान न होने के कारण उसका शव पहले अज्ञात के रूप में रखा गया था। परिजनों के आने के बाद डीएनए से उसकी पहचान की पुष्टि हुई।
बागेश्वर धाम सरकार की प्रतिक्रिया
लाल किला धमाके को लेकर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा —
“बीती रात जो हुआ वह घोर निंदनीय और अमानवीय है। भगवान से प्रार्थना है कि जिनका शरीर पूरा हुआ उन्हें वे अपने चरणों में स्थान दें। अब समय है कि सनातन समाज एकजुट हो, क्योंकि जब तक भारतीयों की एकता नहीं होगी, तब तक यह देश इन कट्टर विचारधाराओं से मुक्त नहीं हो पाएगा।”
सीसीटीवी फुटेज में दिखी संदिग्ध गतिविधि
धमाके से कुछ ही मिनट पहले की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है, जिसमें वही कार लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कुछ देर तक खड़ी दिखाई देती है। इसके कुछ सेकंड बाद ही विस्फोट होता है। एनआईए और फॉरेंसिक टीम ने फुटेज अपने कब्जे में ले ली है।
राजधानी की सांसें थमीं — देश ग़म में
दिल्ली की सुबह मंगलवार को एक अजीब खामोशी में ढकी थी। जगह-जगह पुलिस तैनात थी, और लोग अपने फोन पर वीडियो देख एक-दूसरे से पूछ रहे थे — “क्या ये फिर से वही 2011 वाली रात लौट आई?” घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
सवाल अभी बाकी हैं...
लाल किले के पास हुआ यह धमाका केवल एक हादसा नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है। सवाल यह भी है कि देश की राजधानी के सबसे सुरक्षित क्षेत्र में बम कैसे पहुंचा?कौन है वह अदृश्य चेहरा जिसने मासूमों की ज़िंदगी छीन ली?
जवाब शायद आने वाले दिनों में मिलें — लेकिन फिलहाल दिल्ली शोक में है, और पूरा देश एक बार फिर "हम नहीं भूलेंगे" की प्रतिज्ञा दोहरा रहा है।






