प्रोत्साहन की रोशनी से जगमगाएंगे सपने: दिव्यांग जनों के जीवन में उम्मीद की नई किरण — विधायक राजेश त्रिपाठी
- आर.वी.9 न्यूज़ | संवाददाता, शुभम शर्मा
दिव्यांग दिवस पर चिल्लूपार में प्रेरक कार्यक्रम, ट्राइसिकल व सहायक उपकरणों का वितरण
“शारीरिक बनावट नहीं, हौसलों की उड़ान है असली पहचान” — प्रीति महेश उमर
बड़हलगंज। चिल्लूपार क्षेत्र का मरवट (पिड़हनी) गांव बुधवार को मानवता, संवेदना और सेवा की एक प्रेरक मिसाल बना रहा। लक्ष्मी सर्व विकलांग सेवा संस्थान द्वारा दिव्यांग दिवस पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे चिल्लूपार के विधायक राजेश त्रिपाठी ने कहा कि यदि दिव्यांगजन को उचित प्रोत्साहन, संवेदना और मार्गदर्शन मिले, तो वे समाज और देशहित में अद्भुत योगदान कर मुख्यधारा में प्रभावशाली भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि “संकल्प अगर मजबूत हो तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। दिव्यांगजन प्रतिभा से परिपूर्ण होते हैं, बस जरूरत होती है उन्हें सही दिशा देने की।” कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बड़हलगंज नगर पंचायत की चेयरमैन प्रीति उमर व चेयरमैन प्रतिनिधि महेश उमर ने दिव्यांगजनों के साहस को नमन करते हुए कहा कि “शारीरिक संरचना कभी भी सामर्थ्य का पैमाना नहीं होती। इतिहास गवाह है कि दिव्यांग होते हुए भी कई महापुरुषों ने अपने अद्वितीय पराक्रम से दुनिया को नई दिशा दी है।”
दिव्यांगजन हुए सम्मानित, मिली नई ऊर्जा
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने ट्राइसिकल, व्हीलचेयर तथा अन्य दिव्यांग सहायक उपकरणों का वितरण कर उपस्थित दिव्यांगजन को सम्मानित किया। इस दौरान सभी पारिवारिक जनों और ग्रामवासियों में खुशी और भावनात्मक उत्साह देखने को मिला। संस्थान के प्रबंधक देवराज सिंह ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र के साथ गर्मजोशी से स्वागत कर कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु पूरे दल का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में दिखा सामाजिक एकजुटता का सुंदर संगम
इस अवसर पर भाजपा नेता आचार्य वेद प्रकाश त्रिपाठी, बृजेश उमर, जनसेवा महामंत्री संतोष जायसवाल, पूर्व प्रधान गुड्डू सिंह, ओमप्रकाश त्रिपाठी, शब्दभेद उर्फ गुड्डू पाण्डेय, दीपक गुप्ता छोटू, आशीष उमर, शिवम सोनी, परमात्मा पटवा, संजय पटवा, हिमांशू गौड़, विकास उमर, विकास गौड़, उमेश यादव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में उपस्थित जनों ने दिव्यांगजनों के चेहरे पर मुस्कान देख भावुक होकर कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में संवेदनशीलता, एकता और सहयोग की भावना और अधिक मजबूत होती है।
चिल्लूपार का यह कार्यक्रम न सिर्फ सहायक उपकरणों का वितरण था, बल्कि सम्मान, आत्मविश्वास और आशा देने का संदेश भी। यह साबित करता है कि जब समाज एकजुट होकर आगे आए, तो हर दिव्यांगजन की राह आसान और जीवन अधिक उज्ज्वल हो सकता है।






