पश्चिम बंगाल में एसएससी भर्ती घोटाले का बड़ा खुलासा: 3,500 से अधिक ‘दागी’ कर्मचारियों की सूची जारी, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
कोलकाता :
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने सोमवार रात उस भर्ती घोटाले से जुड़ा एक और बड़ा धमाका कर दिया है, जिसने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को हिला कर रख दिया है। आयोग ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के करीब 3,500 गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सूची जारी की है, जिन पर भर्ती प्रक्रिया में धांधली और फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप हैं।ये सभी कर्मचारी उन लगभग 26,000 नियुक्तियों में शामिल बताए जा रहे हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2025 में रद्द कर दिया था। अब आयोग द्वारा जारी की गई यह ताजा सूची “दागी कर्मचारियों” की पहचान के तौर पर देखी जा रही है।सूत्रों के मुताबिक, इन कर्मचारियों में क्लर्क, ग्रुप-डी स्टाफ और अन्य गैर-शिक्षण पदों पर तैनात लोग शामिल हैं, जिनकी नियुक्तियां कथित तौर पर घूस, सिफारिश और फर्जी मार्कशीट्स के माध्यम से की गई थीं। आयोग ने कहा है कि जांच के बाद यह सूची सार्वजनिक पारदर्शिता के लिए जारी की गई है ताकि किसी भी स्तर पर गलत जानकारी न फैले।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख:
उच्चतम न्यायालय ने अप्रैल में ही इस मामले में कहा था कि “भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” कोर्ट ने एसएससी को निर्देश दिया था कि वह सभी विवादित नियुक्तियों की विस्तृत सूची जारी करे और पुनः पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए।
राजनीतिक गलियारों में भूचाल:
इस नई सूची के जारी होने के बाद राज्य की राजनीति में फिर हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “यह केवल 3,500 नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की गहराई की झलक है।”वहीं, सत्तारूढ़ दल की ओर से दावा किया गया कि “सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
पृष्ठभूमि में घोटाला:
पश्चिम बंगाल एसएससी भर्ती घोटाला राज्य की अब तक की सबसे बड़ी भर्ती धांधली मानी जा रही है, जिसमें शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के हजारों पदों पर फर्जी तरीके से नियुक्तियां की गई थीं।इस मामले में कई बड़े नेताओं और अधिकारियों पर सीबीआई व ईडी की जांच भी जारी है।






