विविभा-2024 में दिखा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में आईआईटी रोपड़ की भूमिका
आईआईटी रोपड़ ने गुरुग्राम के श्री गुरु गोबिंद सिंह ट्राइसेंटेनरी यूनिवर्सिटी (एसजीटी विश्वविद्यालय) में भारतीय शिक्षण मंडल (बीएसएम) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मेलन विविभा-2024 में भाग लिया। "विकसित भारत के लिए विजन" थीम पर आयोजित इस कार्यक्रम में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया गया। इस कार्यक्रम में आत्मनिर्भर देश को आकार दे रहे अग्रणी शोध और नवाचारों पर भी प्रकाश डाला गया।
आईआईटी रोपड़ टीआईएफ-एडब्लूएडीएच स्टॉल ने लोगों को ध्यान आकर्षित किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने टीम के साथ बातचीत कर प्रदर्शित नवाचारों के बारे में जानकारी ली। आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रो. राजीव आहूजा ने भी अपना सहयोग दिया। एडब्लूएडीएच को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि में अकादमिक श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ स्टॉल से सम्मानित किया गया, जिसमें इसके प्रस्तुत शोध की उत्कृष्टता और सामाजिक प्रभाव को मान्यता दी गई।
"रिसर्च टू रियलाइजेशन" प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में आईआईटी रोपड़ प्रौद्योगिकी और नवाचार फाउंडेशन-एडब्ल्यूएडीएच कृषि और जल प्रौद्योगिकी विकास हब ने अपनी परिवर्तनकारी तकनीकों का प्रदर्शन किया जो कृषि, जल प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण में स्थायी समाधानों को बढ़ावा देती हैं। प्रदर्शन पर प्रमुख नवाचारों में शामिल हैं - मूहसेंस: एक एआई-संचालित पशुधन प्रबंधन प्रणाली; डिजिटल एंटोमोलॉजिस्ट: एक जैव विविधता निगरानी उपकरण; जल शोधन के लिए नैनोबबल प्रौद्योगिकी; एयर सेंस: उन्नत वायु गुणवत्ता सेंसर और मृदा स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली: बेहतर उत्पादकता के लिए सटीक कृषि उपकरण।
विविभा-2024 का फोकस भारत-केंद्रित शोध को भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत के साथ एकीकृत करने पर है, जो एडब्ल्यूएडीएच के मिशन से निकटता से जुड़ा हुआ है। इस कार्यक्रम ने सतत और समृद्ध भविष्य के लिए परंपरा को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।