मां करवल देवी मंदिर विवाद में एसडीएम बांसगांव का हस्तक्षेप: समाधान की ओर बड़ा कदम

मां करवल देवी मंदिर विवाद में एसडीएम बांसगांव का हस्तक्षेप: समाधान की ओर बड़ा कदम

संवाददाता: नरसिंह यादव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

मां करवल देवी मंदिर, मझगांव बाजार में दो ट्रस्टों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद ने आज एक नया मोड़ लिया, जब बांसगांव के एसडीएम ने सख्त कदम उठाते हुए मामले में हस्तक्षेप किया। गगहा थाना प्रभारी राजमणि शुक्ला और बांसगांव सीओ रवि कुमार सिंह की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का प्रयास किया गया।

विवाद का मुख्य बिंदु मंदिर के शौचालय निर्माण और मंदिर के पेंट-पॉलिश कार्य को लेकर था। ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल के नेतृत्व में शौचालय का निर्माण कार्य पहले ही आरंभ किया जा चुका है, जबकि दूसरे पक्ष को मंदिर के सौंदर्यीकरण का जिम्मा सौंपा गया है। इस समझौते के तहत यह भी स्पष्ट किया गया है कि पूर्व पुजारी परमेश्वर बाबा जी का अधिकार यथावत रहेगा, और वे मंदिर में पूजा-पाठ की नियमित जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे। एसडीएम ने इस मौके पर सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी ट्रस्ट या व्यक्ति को पूजा-पाठ या धार्मिक कार्यों में बाधा डालने का अधिकार नहीं होगा। यदि कोई भी मनमानी या अनुचित कार्य करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सख्त चेतावनी के साथ समाधान की दिशा में पहला कदम 

एसडीएम बांसगांव की इस सख्त कार्रवाई से अब उम्मीद जताई जा रही है कि मंदिर परिसर में चल रहा तनाव समाप्त होगा, और सभी लोग मिल-जुलकर मंदिर के विकास और धार्मिक गतिविधियों को सुचारू रूप से जारी रख सकेंगे। जनता में इस कदम की सराहना की जा रही है, क्योंकि यह केवल एक धार्मिक स्थल का मामला नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र की आस्था और एकता का प्रतीक है। एसडीएम की सख्त और निष्पक्ष भूमिका से इस विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

 आस्था और अनुशासन का पालन अनिवार्य 

मां करवल देवी मंदिर में आस्था रखने वाले सभी भक्तों और स्थानीय निवासियों से अपील की गई है कि वे इस धार्मिक स्थल की पवित्रता और शांति को बनाए रखने में अपना योगदान दें। अब देखना होगा कि यह समाधान किस प्रकार से धार्मिक और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा।

अधिकारियों की निगरानी में रहेगा मंदिर परिसर 

इस फैसले के बाद, प्रशासनिक अधिकारियों ने मंदिर परिसर पर निगरानी बनाए रखने का भी निर्देश दिया है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या विवाद को तत्काल रोका जा सके।

न्याय की जीत, धर्म का सम्मान!

यह मामला स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो रही है, जहां प्रशासन के सख्त रवैये और ट्रस्टों की सहमति से एक पुराना विवाद समाप्त होने की ओर बढ़ रहा है। अब समय ही बताएगा कि मां करवल देवी के इस पवित्र स्थल पर कैसे धार्मिक एकता और सामूहिक विकास की नई शुरुआत होती है।