आत्मनिर्भर भारत की उड़ान: भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 97 स्वदेशी एलसीए एमके1ए लड़ाकू विमान

आत्मनिर्भर भारत की उड़ान: भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 97 स्वदेशी एलसीए एमके1ए लड़ाकू विमान

62,370 करोड़ रुपये का एचएएल के साथ ऐतिहासिक करार, 2027 से शुरू होगी डिलीवरी

नई दिल्ली, 25 सितम्बर 2025 | पीआईबी दिल्ली
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना की ताकत और भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को नई ऊँचाई देने वाला 62,370 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे बड़ा करार किया है। 25 सितम्बर को मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 97 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके1ए और संबंधित उपकरणों की खरीद के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

इनमें 68 सिंगल-सीटर और 29 ट्विन-सीटर विमान शामिल होंगे। डिलीवरी वर्ष 2027-28 से शुरू होकर छह वर्षों में पूरी होगी।

64% से अधिक स्वदेशीकरण – अत्याधुनिक तकनीक के साथ

नए एलसीए एमके1ए विमानों में 64% से अधिक स्वदेशी सामग्री होगी। इनमें पहले से तय उपकरणों के अतिरिक्त 67 नई स्वदेशी प्रणालियाँ शामिल होंगी, जैसे –

  • उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार

  • स्वदेशी सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर

  • कंट्रोल सरफेस एक्ट्यूएटर्स

ये तकनीकें न केवल विमान की क्षमता बढ़ाएँगी, बल्कि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता (Atmanirbhar Bharat) के लक्ष्य को भी मजबूत करेंगी।

रोजगार और एयरोस्पेस इकोसिस्टम को बढ़ावा

इस परियोजना को 105 भारतीय कंपनियों का मजबूत विक्रेता नेटवर्क समर्थन दे रहा है। उत्पादन के दौरान हर वर्ष लगभग 11,750 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे, जिससे देश के एयरोस्पेस उद्योग को नया प्रोत्साहन मिलेगा।

भारतीय वायुसेना के लिए शक्ति का नया अध्याय

एलसीए एमके1ए को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की ‘खरीद (भारत-आईडीडीएम)’ श्रेणी के अंतर्गत शामिल किया गया है। यह विमान स्वदेश में डिजाइन और निर्मित सबसे उन्नत हल्का लड़ाकू विमान होगा और भारतीय वायुसेना की परिचालन आवश्यकताओं को सशक्त रूप से पूरा करेगा।


 यह करार सिर्फ विमानों की खरीद नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी स्वतंत्रता, औद्योगिक विकास और सामरिक शक्ति का नया अध्याय है।