गोरखपुर के नए 'जिलाधिकारी' दीपक मीणा ने संभाला पदभार, विकास और जनसुनवाई पर जोर

गोरखपुर के नए 'जिलाधिकारी' दीपक मीणा ने संभाला पदभार, विकास और जनसुनवाई पर जोर

संवाददाता- चंद्रप्रकाश मौर्य, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

गोरखपुर: विकास और जन कल्याण के एक नए युग की शुरुआत करते हुए, आईएएस अधिकारी दीपक मीणा ने मंगलवार को गोरखपुर के नए जिलाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण किया। गाजियाबाद से स्थानांतरण होकर आए 2011 बैच के इस अधिकारी का लक्ष्य सरकारी योजनाओं को गति देना और जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करना है।

विकास और न्यायसंगत समाधान की प्राथमिकता

पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद, श्री मीणा ने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कीं। उन्होंने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं और परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाएगा और नई परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य शीघ्रता से निपटाया जाएगा।

जनता को भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा, "गोरखपुर के किसी भी कार्यालय में आने वाले हर फरियादी को न्यायसंगत समाधान मिलेगा।" उन्होंने लंबित मुकदमों के निस्तारण के लिए अधिवक्ताओं के साथ मिलकर काम करने और मुख्यमंत्री पोर्टल पर आने वाली शिकायतों को समयबद्ध तरीके से निपटाने की प्रतिबद्धता भी जताई।


आईआईटी से आईएएस तक का सफर

राजस्थान के मूल निवासी दीपक मीणा का जीवन प्रेरणादायक है। 15 जुलाई 1986 को जन्मे, उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। टाटा स्टील में काम करने के दौरान उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी की और 2010 में यूपीएससी की परीक्षा में सफल होकर आईएएस बने।

मई 2012 में मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से प्रशिक्षण के बाद, उन्हें यूपी कैडर आवंटित हुआ। उनकी पहली नियुक्ति अलीगढ़ में हुई और इसके बाद वे आजमगढ़, मेरठ, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और गाजियाबाद जैसे जिलों में भी जिलाधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

अनुशासन और पारदर्शिता की उम्मीद

श्री दीपक मीणा को उनकी अनुशासित और समय-पाबंद कार्यशैली के लिए जाना जाता है। गोरखपुर वासियों को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में प्रशासनिक व्यवस्था में और अधिक पारदर्शिता आएगी और जनकल्याण की योजनाओं को नई रफ्तार मिलेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी कार्यशैली गोरखपुर के विकास में कितना बड़ा योगदान देती है।