श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से मिलती है समस्त पापों से मुक्ति, गगहा के रानीपार में भक्ति का उमड़ा सागर
रिपोर्टर – नरसिंह यादव, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
गोरखपुर जिले के गगहा क्षेत्र के ग्राम रानीपार में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में हर दिन श्रद्धा और आस्था की गंगा बह रही है। कथा व्यास पीठ से कथा वाचक आचार्य चंडी प्रसाद पाठक ने भगवान के 24 अवतारों का वर्णन करते हुए जब मत्स्यावतार की कथा सुनाई, तो पूरा पंडाल "जय श्रीकृष्ण" के जयकारों से गूंज उठा।
आचार्य पाठक ने कहा —
“श्रीमद्भागवत कथा केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का दिव्य स्वरूप है। इसके श्रवण मात्र से मनुष्य समस्त पापों से मुक्त हो जाता है और उसके जीवन में भक्ति, ज्ञान तथा वैराग्य का उदय होता है।”
उन्होंने आगे कहा कि राजा परीक्षित के प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि जीवन क्षणभंगुर है। इसलिए व्यक्ति को वर्तमान को देखते हुए अपने मन को ईश्वर की भक्ति में लगाना चाहिए, क्योंकि जो व्यक्ति वर्तमान में सजग रहता है, वही भविष्य में सफल होता है। कथा के आयोजन में पंडित धूर्जटी पाठक, जयप्रकाश पांडेय, और शिवम पाठक ने आचार्य जी का हर संभव सहयोग किया। मुख्य यजमान हरिशंकर पांडेय एवं श्रीमती सुधा पांडेय ने कथा श्रवण के लिए आए सभी श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में ऋषिकेश शुक्ल, उप निरीक्षक अशोक पांडेय, रवि पांडेय, कमच्छा पांडेय, सुखदेव पांडेय, जितेंद्र पांडेय, उपेंद्र राकेश, मनीष, छोटू, विकास व्यास सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे। रानीपार गांव में चल रही यह कथा न केवल धार्मिक भावना को जागृत कर रही है, बल्कि समाज में सद्भाव, प्रेम और भक्ति के नए रंग भी भर रही है।
"जो श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करता है, वह जीवन के हर अंधकार को प्रकाश में बदल देता है।" ✨






