सरयू नहर टूटने से किसानों की फसल हुई जलमग्न
संवाददाता__नरसिंह यादव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
- रवि और खरीफ दोनों फसलों को नहर ने किया प्रभावित
तीन दिनों से लगातार नहर टूटने का सिलसिला जारी है एक तरफ हफ्तों से हो रही वारिस से फसलें जलमग्न हो रहीं हैं तो वहीं सरयू नहर जगह जगह टूटने से फसलें पानी से पूरी तरह डूब गयी अगर समय रहते टूटी नहर बांधी नहीं गयी तो घरों में पानी घुसने लगेगा जिससे लोगों का जीना दुभर हो जाएगा।
गगहा क्षेत्र के बाऊंपार से तिलसर के बीच आधा दर्जन जगहों पर ओवर फ्लो व रिसाव हो रहा है तो वहीं शुक्रवार की रात बाऊंपार में नहर कटने के बाद विभाग ने हाथ खड़ा कर लिया तो ग्रामीणो ने मोर्चा संभाला और विभागीय सहयोग से रात में ही टूटी नहर को बांध दिया। लेकिन उसी रात को गेरूआखोर में नहर टूट गयी जिसे काफी मशक्कत के बाद शनिवार को बांधा जा सका वहां बंधते ही बाऊंपार में नहर टूट गयी जिससे एक दर्जन गांवों के किसान प्रभावित होंगे। विभाग की लापरवाही का खामियाजा किसान भुगतने के लिए विवश व लाचार है। किसान अपने फसल को बर्बाद होते देख विभाग के प्रति आक्रोशित होते हुए विभाग व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति पूर्वांचल प्रभारी दिलीप किसान के नेतृत्व में एक दर्जन किसान नहरों की रखवाली कर रहें थे लेकिन संसाधनों के अभाव में वह कुछ नहीं कर पाए बाऊंपार से सिहाइजपार नहर काफी नीचे है जिससे पानी छुटते ही किसानों के मन भय हो जाता है कि अब तो हम लोगों की मेहनत पर पानी फिरने वाला है और हर बार वही होता भी है जैसे ही पानी आता है नहर जगह जगह टूटने लगती है। किसान नेता दिलीप किसान ने ठेकेदार की जांच कराते हुए उसके खिलाफ कार्यवाही करते हुए लाइसेंस निरस्त करने, विभागीय अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने, बाऊंपार से डिहुलपार तक नहर को पक्का बनाने,नहर से डुबी फसल से पीड़ित किसानों को मुआवजा देने, पक्की नहर बनने तक पानी न छोड़ने की मांग की है।।गगहा क्षेत्र में बाऊंपार से सिहाइजपार के बीच सरयू नहर परियोजना द्वारा बनायी गयी नहर जल भराव होने के कारण पानी छुटते ही टूट जाती है जिससे ढरसी, पिछौरा, बाऊंपार,टिकरी, दूदापार, मझगांवा ,डिहुलपार , गेरूआखोर, सिहाइजपार,करवल मझगांवा, तक की फसलें प्रभावित हो जाती है।आज भी सैकड़ो किसानों की फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो गई है।नहर की समुचित साफ सफाई मरम्मत न होने व कुलावा सही स्थान पर न होने के कारण अक्सर नहर में पानी आते ही पूरा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। जिससे किसानों को फायदा कम नुकसान ज्यादा होता है।
भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति पूर्वांचल प्रभारी दिलीप किसान ने कहा कि मैंने तहसील से लेकर जिले के अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए नहर की मरम्मत व निचले इलाक़े के पास नहर पक्की होने तक पानी ना छोड़े।