छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का विवादास्पद फैसला: पत्नी की सहमति के बिना यौन संबंध को अपराध नहीं माना जा सकता

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का विवादास्पद फैसला: पत्नी की सहमति के बिना यौन संबंध को अपराध नहीं माना जा सकता

रायपुर  छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामले में बड़ा फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि अगर पति अपनी वयस्क पत्नी के साथ उसकी सहमति के बिना यौन संबंध या अप्राकृतिक यौन क्रिया करता है, तो इसे अपराध नहीं माना जा सकता। न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास की एकलपीठ ने इस फैसले में जगदलपुर के एक आरोपी को बलात्कार और अन्य आरोपों में बरी कर दिया, जिसे पहले निचली अदालत ने दोषी ठहराया था।

इस फैसले के तहत, कोर्ट ने आईपीसी की धारा 375 में 2013 में किए गए संशोधन को ध्यान में रखते हुए यह स्पष्ट किया कि यदि पत्नी की आयु 15 वर्ष से अधिक है, तो पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ किए गए यौन संबंध को बलात्कार के दायरे में नहीं लाया जा सकता। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि इसके तहत पत्नी की सहमति के बिना किए गए अप्राकृतिक यौन संबंध को भी अपराध नहीं माना जा सकता।

यह फैसला समाज में महिलाओं के अधिकारों और पति-पत्नी के रिश्तों को लेकर महत्वपूर्ण बहस का मुद्दा बन सकता है, और इसके भविष्य में गंभीर कानूनी और सामाजिक प्रभाव हो सकते हैं।