गोरखपुर:- करवल मझगावा महापर्व छठ पूजा पर ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल
जिला संवाददाता चंद्र प्रकाश मौर्य की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश
करवल मझगावा में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकी का आयोजन, आठ गाँवों में उमड़ा उल्लास
गोरखपुर। आस्था, श्रद्धा और लोकपरंपरा के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल ने ग्राम करवल मझगावा सहित आसपास के आठ गाँवों के सभी क्षेत्रवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि छठ पूजा हमारी संस्कृति का सबसे उज्ज्वल प्रतीक है, जो सूर्य उपासना, पवित्रता और सामाजिक एकता का संदेश देता है।

ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल ने कहा —
“छठ पूजा हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि लोकजीवन, अनुशासन और श्रद्धा का संगम है। यह पर्व आठों गाँवों को जोड़ने वाला एक महासांस्कृतिक उत्सव बन चुका है, जो समाज में एकता और प्रेम का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि छठ पर्व हमें न केवल श्रद्धा की शक्ति सिखाता है, बल्कि प्रकृति और जल के प्रति आभार प्रकट करने का अवसर भी प्रदान करता है। व्रती माताएँ और बहनें अपनी तपस्या से पूरे समाज में भक्ति, सकारात्मकता और शुद्धता का वातावरण निर्मित करती हैं।
ग्राम प्रधान ने अपील की —
गाँव की एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। आइए, हम सब मिलकर अपने गाँवों को स्वच्छ, सुंदर और प्रगतिशील बनाने का संकल्प लें। स्वच्छता और भाईचारा ही समाज की सच्ची पहचान है।”
उन्होंने जानकारी दी कि छठ पूजा के शुभ अवसर पर ग्राम करवल मझगावा स्थित छठ घाट, फोर्टलिंक रोड पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं झांकी का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को सायं 3 बजे से तथा 28 अक्टूबर 2025 को प्रातः 2 बजे से प्रारंभ होगा।
इस दौरान गायक मनोज तिवारी ‘मंगल’, रंजीत पांडेय, भजन गायिका अंजली शुक्ला और अंशिका लहरि अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को भक्तिमय बनाएँगे। साथ ही स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत झांकी और लोकनृत्य कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण होंगे।
ग्राम प्रधान संदीप मोदनवाल ने सभी ग्रामवासियों से आग्रह किया कि वे परिवार सहित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर इस पवित्र पर्व को सफल बनाएँ।
अंत में उन्होंने कहा —
छठी मइया सभी को उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु, सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करें। आइए, हम सब मिलकर अपने गाँव में स्वच्छता, शिक्षा और विकास की रोशनी फैलाएँ, ताकि करवल मझगावा और इससे जुड़े आठों गाँव पूरे क्षेत्र में एक मिसाल बन सकें।”







