कराटे कोच चंद्र प्रकाश मौर्य ने छठ पूजा पर दी हार्दिक शुभकामनाएँ
इंटरनेशनल गोल्ड मेडलिस्ट ने खिलाड़ियों और ग्रामवासियों से एकता, स्वच्छता और संस्कार बनाए रखने का किया आह्वान
गोरखपुर। कराटे कोच, इंटरनेशनल प्लेयर एवं गोल्ड मेडलिस्ट चंद्र प्रकाश मौर्य ने महापर्व छठ पूजा के पावन अवसर पर समस्त ग्रामवासियों, खिलाड़ियों, अभिभावकों एवं नगरवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं।
उन्होंने कहा कि छठ पूजा भारतीय संस्कृति और लोकआस्था का ऐसा पर्व है, जो सूर्य उपासना, पवित्रता, संयम और एकता का प्रतीक है। यह पर्व परिवार, समाज और पर्यावरण के प्रति सम्मान का भाव जागृत करता है तथा जनमानस में श्रद्धा, प्रेम और सौहार्द का संदेश देता है।
- चंद्र प्रकाश मौर्य ने कहा —
छठ पूजा माँ छठी मइया की आराधना का वह पर्व है, जिसमें आस्था, अनुशासन और तप का अद्भुत संगम दिखाई देता है। इस पर्व से हमें सीख मिलती है कि जीवन में तप, संयम और सत्य मार्ग ही सफलता की सच्ची कुंजी हैं।”
उन्होंने कहा कि आज के आधुनिक युग में जब लोग भागदौड़ भरी जीवनशैली में अपने संस्कारों और परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं, ऐसे में छठ पूजा हमें हमारी जड़ों से जोड़ने का कार्य करती है। यह त्योहार न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सूर्य देव और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक माध्यम भी है।
एक इंटरनेशनल खिलाड़ी के रूप में उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे खेल के साथ-साथ अपने संस्कारों और परंपराओं को भी जीवन में स्थान दें।
“खेल हमें अनुशासन और धैर्य सिखाते हैं, जबकि पर्व हमें एकता और संस्कृति की शक्ति का अनुभव कराते हैं। यदि हम दोनों को अपनाएँ, तो हमारा समाज और भी सशक्त, संस्कारित और प्रेरणादायक बन सकता है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे बताया कि उनके मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कई खिलाड़ी —

वंशिका पाण्डेय, अनुभव पाण्डेय, इशु पासवान, इशिका पासवान, श्वेता कनौजिया और — राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके हैं और आज क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
इन खिलाड़ियों ने भी छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व आत्मसंयम, अनुशासन और समाजसेवा की प्रेरणा देता है।
चंद्र प्रकाश मौर्य ने सभी ग्रामवासियों से अपील की कि वे छठ पूजा के दौरान स्वच्छता और शांति बनाए रखें, घाटों को स्वच्छ रखें तथा पर्यावरण की रक्षा में योगदान दें।
2. अत में उन्होंने कहा —
“छठी मइया सबके जीवन में सुख, समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली का वरदान दें। आइए, हम सब मिलकर अपने गाँवों को शिक्षा, खेल, स्वच्छता और संस्कृति के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लें।”







