शो पीस बन कर खड़ी पानी की टंकियां, हर घर नल योजना में बड़ी धांधली, गांवों में नहीं होती पेयजल की आपूर्ति

शो पीस बन कर खड़ी पानी की टंकियां, हर घर नल योजना में बड़ी धांधली, गांवों में नहीं होती पेयजल की आपूर्ति

ब्यूरो प्रमुख- एन. अंसारी, मंडल गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

गोरखपुर। केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जिसके तहत गांवों में हर घर तक पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। किंतु जल निगम की लापरवाही से गांवों में बने हजारों लीटर को ओवर हेड वाटर टैंक (पानी की टंकियां) शो पीस बन कर खड़े हैं, और इनसे नियमित पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। कदाचित ऐसा किसी एक गांव में होता तो इसे तकनीकि खराबी मान लिया जाता। लेकिन दुर्भाग्यवश सभी गांवों में पानी की आपूर्ति की व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अधिकारियों की अनदेखी और विभागीय लापरवाही का नतीजा यह है कि पानी की सप्लाई के लिए जमीन के भीतर डाले गए पाइप टूट फूट कर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। गांवों की जिन सड़कों और गलियों से हो कर पाइप लाइन बिछाने का काम किया गया है उनकी मरम्मत भी नहीं की गई है। पानी आने और जाने की कोई समय सीमा भी निर्धारित नहीं है। वाटर लीकेज की समस्या और सप्लाई का पानी नहीं पहुंचने की समस्या से हर घर नल योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो गई है। गांवों के निवासियों की मानें तो कभी पानी आता है नहीं, विभागीय लापरवाही और अधिकारियों की मिलीभगत से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में लगे ठेकेदारों के द्वारा बड़ी धांधली के संकेत मिलते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायतें सुनने वाला कोई जिम्मेदार भी नजर नहीं आता टंकियों में पानी भरने और घरों तक सप्लाई का पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी किसे सौंपी गई है, इसका भी पता नहीं है। इसमें बड़ा खेला हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार खुटभार गांव में स्थित पशु अस्पताल के समीप बने बड़े ओवर हेड वाटर टैंक से पूरे खजनी कस्बे, खुटभार, रूद्रपुर, खुटहना आदि गांवों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की गई है लेकिन महीने में 15 दिन भी पानी नहीं आता है रूद्रपुर गांव की दलित बस्ती गायघाट और गौरापार मौजे में आज तक पानी की आपूर्ति नहीं हुई है। इसी प्रकार गोपालपुर गांव में बनी पानी की टंकी से घईसरा, पिपरां, बेलूडीहां और औंजी गांव में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई है। गोपालपुर गांव में भी दर्जनों स्थानों पर पाइप फूटने लीकेज और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बदहाली का शिकार है। उसी प्रकार सर्वसीं गांव में बनी पानी की टंकी और सहसीं गांव में बनी पानी की टंकी से भी पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। गांवों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बदहाली का शिकार है। सप्लाई शुरू होते ही सड़कों के किनारे संपर्क मार्गों पर और खेतों में जलभराव हो जाता है। इन अंडरग्राउंड फूटे पाइपों की मरम्मत नहीं की जाती है। कागज़ों में आंकड़ों के हिसाब से गांवों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था ठीक बता कर सरकारी खजाने और धन का बंदरबांट हुआ है, तथा पानी के आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह से फेल और बदहाली का शिकार हो चुकी है।

इलाके के अनिल कुमार तिवारी, दिलीप सिंह, राजेश पांडेय, विदुरमणि सिंह, पिंटू, शेषमणि पांडेय, श्रवण शेखर तिवारी, अलाउद्दीन, अवधेश तिवारी, सुधीर, मंगेश साहनी, अमित यादव, रमेश सिंह, धर्मेंद्र चौरसिया सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि हर घर नल योजना पूरी तरह से फ्लाॅप साबित हो गई है, इसमें बड़े पैमाने पर धांधली और सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है।

इस संदर्भ में जल निगम के एक्सईएन अखिलानंद ने बताया कि समस्या गंभीर है, कार्यदाई संस्थाओं को सिर्फ 2 वर्षों तक मरम्मत की जिम्मेदारी दी जाती है। उसके बाद इसकी जिम्मेदारी ग्रामसभाओं की होती है, उन्होंने कहा कि शिकायतें दूर कराने की व्यवस्था की जाएगी।