हम दोस्त बने और लिव-इन में...– 19 साल की मॉडल की खुदकुशी से उठे सवाल, बैग में मिली चिट्ठी ने खोला दर्दनाक सच

हम दोस्त बने और लिव-इन में...– 19 साल की मॉडल की खुदकुशी से उठे सवाल, बैग में मिली चिट्ठी ने खोला दर्दनाक सच

  • आर.वी.न्यूज़ संवाददाता, मनोज कुमार

सूरत।
गुजरात के सूरत शहर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। महज़ 19 साल की मॉडल सुखप्रीत कौर ने चार महीने पहले सुसाइड कर लिया था। उस समय उसकी मौत की गुत्थी ने सभी को हैरान कर दिया था, लेकिन अब इस केस में बड़ा खुलासा हुआ है।

सूरत पुलिस ने मॉडल के लिव-इन पार्टनर और पेशे से फोटोग्राफर महेंद्र राजपूत को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, सुखप्रीत पर महेंद्र ने न सिर्फ मानसिक और शारीरिक अत्याचार किए बल्कि उसे इस कदर ब्लैकमेल किया कि वह मौत को गले लगाने पर मजबूर हो गई।


बैग से मिला सुसाइड नोट: "अब बर्दाश्त नहीं होता…"

सुसाइड के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो सुखप्रीत के बैग से एक लेटर मिला। इस चिट्ठी ने पूरे मामले की परतें खोल दीं। उसमें लिखा था कि कैसे उसका लिव-इन पार्टनर उसे पीटता था, ब्लेड से वार करता था और शरीर पर दाग देता था।
पुलिस के अनुसार, चिट्ठी में यह भी जिक्र था कि महेंद्र उससे रिश्ता तोड़ने नहीं दे रहा था और लगातार ब्लैकमेल कर रहा था।


यातनाओं की हद: ब्लेड से हाथ काटा, पैर पर जलाया

सुखप्रीत की मौत की जांच में सामने आया कि जब उसने महेंद्र से अलग होने की कोशिश की, तो उसने उसे बेरहमी से प्रताड़ित किया।

  • हाथ पर ब्लेड से वार किया गया

  • पैर को दागा गया

  • घर में मारपीट की गई

इन घटनाओं ने मॉडल का मानसिक संतुलन तोड़ दिया और आखिरकार उसने खुदकुशी जैसा कदम उठा लिया।


चार महीने बाद हुई गिरफ्तारी

यह पूरा मामला सूरत के सारोली इलाके के कुंभारिया स्थित सारथी रेजीडेंसी का है, जहां सुखप्रीत रहती थी। चार महीने पहले हुई इस घटना के बाद से पुलिस ने जांच तेज की थी। सुसाइड नोट और गवाहियों के आधार पर अब महेंद्र राजपूत को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है।


सवालों के घेरे में लिव-इन रिलेशनशिप

इस घटना ने समाज में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ दी है। प्यार और दोस्ती के नाम पर शुरू हुए रिश्ते ने कब हिंसा और ब्लैकमेल का रूप ले लिया, यह सुखप्रीत की चिट्ठी से साफ होता है।


यह मामला सिर्फ एक युवती की मौत नहीं है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि रिश्तों में छिपी हिंसा और ब्लैकमेल को समय रहते पहचानना और कानूनी मदद लेना कितना ज़रूरी है।