'पत्रकार की हत्या ही नहीं, लोकतंत्र की भी हत्या है' — जे.पी. गुप्ता

'पत्रकार की हत्या ही नहीं, लोकतंत्र की भी हत्या है' — जे.पी. गुप्ता

संवाददाता: नरसिंह यादव, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की नृशंस हत्या से पूरा प्रदेश आक्रोशित है। सोमवार को बांसगांव तहसील में पूर्वांचल पत्रकार एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक जे.पी. गुप्ता के नेतृत्व में पत्रकारों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित 5 सूत्रीय ज्ञापन बांसगांव एसडीएम प्रदीप सिंह को सौंपा।

मुख्य मांगें और ज्ञापन के बिंदु:

  • दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी और सख्त सजा: पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या के दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
  • पीड़ित परिवार की सहायता: पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और राघवेंद्र की पत्नी को जीविका चलाने हेतु सरकारी नौकरी दी जाए।
  • पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग: पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कानून बनाया जाए।
  • पुलिसिया उत्पीड़न पर रोक: पत्रकारों के साथ हो रहे पुलिसिया उत्पीड़न को समाप्त करने हेतु ठोस उपाय किए जाएं।
  • पत्रकारों के लिए पेंशन और मानदेय: 60 वर्ष के बाद पत्रकारों को पेंशन और नए पत्रकारों को सरकारी मानदेय प्रदान किया जाए।

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला:

राष्ट्रीय संयोजक जे.पी. गुप्ता ने कहा कि पुलिस प्रशासन की नाकामी और दोषियों की गिरफ्तारी में हो रही देरी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है। उन्होंने इस घटना को न केवल पत्रकारिता बल्कि लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

संवेदना और सुरक्षा की गुहार:

तहसील अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पत्रकारों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाना अनिवार्य है। पुलिसिया उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग भी की गई।

ज्ञापन सौंपने के दौरान मुन्नीलाल जायसवाल, राहुल हरेंद्र सिंह, साधु यादव सहित अन्य पत्रकार भी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार से न्याय की मांग की और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।

पत्रकारों की यह एकजुटता यह संदेश देती है कि सच की आवाज को दबाया नहीं जा सकता और न्याय के लिए यह संघर्ष जारी रहेगा।