राष्ट्रपति भवन में रक्षाबंधन: द्रौपदी मुर्मु ने छात्रों संग मनाया भाई-बहन के प्रेम का पर्व, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

रक्षा बंधन के पावन अवसर पर राष्ट्रपति भवन एक बार फिर प्रेम, भाईचारे और सांस्कृतिक विविधता के रंगों से सराबोर हो उठा। भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने देशभर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए सरकारी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के साथ यह पर्व मनाया।
इस अवसर पर छात्रों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपने-अपने क्षेत्रों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिनमें भारत की समृद्ध परंपराओं और विविधता की झलक साफ़ दिखाई दी। छात्रों ने राष्ट्रपति को पर्यावरण-अनुकूल राखियां और हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड भेंट किए, जो न केवल रचनात्मकता बल्कि पर्यावरण जागरूकता और समावेशिता का भी संदेश दे रहे थे।
प्रकृति को भी दें ‘रक्षाबंधन’ का वचन
अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते का पर्व नहीं है, बल्कि यह हर उस बंधन का प्रतीक है जिसमें प्रेम, सुरक्षा और जिम्मेदारी जुड़ी हो। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पेड़ भी पृथ्वी के रक्षक होते हैं और हमें इन्हें उसी स्नेह और जिम्मेदारी के साथ लगाना व संवारना चाहिए, जैसे हम अपने प्रियजनों का ख़याल रखते हैं।
राष्ट्रपति ने छात्रों से वृक्षारोपण और प्रकृति संरक्षण को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और हरा-भरा भविष्य सुनिश्चित हो सके।
कार्यक्रम की खास बातें
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छात्रों ने पारंपरिक परिधान में भारत की विविध सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत की।
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राष्ट्रपति को दी गई पर्यावरण-अनुकूल राखियां और कार्ड ने सतत विकास और जागरूकता का संदेश दिया।
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समारोह में शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री संजय कुमार और शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यादगार अनुभव
यह कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रपति के साथ रक्षाबंधन मनाने का जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर था, बल्कि इसने उनके मन में भारत की संवैधानिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रति गहरी समझ भी विकसित की।