खजनी–बांसगांव मार्ग पर PWD के मानक ‘उल्टे’? टेंडर में सिर्फ 30% नाली ढक्कन, व्यापारी बोले– ‘यही है सुरक्षा मॉडल?’

खजनी–बांसगांव मार्ग पर PWD के मानक ‘उल्टे’? टेंडर में सिर्फ 30% नाली ढक्कन, व्यापारी बोले– ‘यही है सुरक्षा मॉडल?’
  • आर.वी.9 न्यूज़ | ब्यूरो प्रमुख- एन. अंसारी

टेकवार चौराहा बना खतरे का केंद्र — लोग पूछ रहे, सुरक्षा से बड़ी क्या कोई मजबूरी है?

गोरखपुर। खजनी तहसील अंतर्गत खजनी से बांसगांव मार्ग पर सड़क चौड़ीकरण के बाद इन दिनों पीडब्ल्यूडी द्वारा नाली निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन निर्माण की ये गति जितनी तेज़ है, उतनी ही तेज़ी से बढ़ रहा है स्थानीय निवासियों और व्यापारियों का आक्रोश। नगर पंचायत उनवल के वार्ड नंबर 3 स्थित टेकवार चौराहा इन दिनों एक बड़े सवाल के केंद्र में है — “क्या भीड़भाड़ वाले बाजार में खुली नाली छोड़ना ही विकास का नया मॉडल है?”


टेंडर में सिर्फ 25–30% ढक्कन, बाकी नालियां खुली! भीड़भाड़ वाले चौराहे पर जोखिम ही जोखिम

चौराहा हमेशा भीड़ से भरा रहता है। ग्राहक, बच्चों, बुजुर्गों, दुकानदारों और दोपहिया चालकों की नियमित आवाजाही रहती है। ऐसे में PWD द्वारा बनाई जा रही पतली नालियों पर सिर्फ 25–30% हिस्से में ही ढक्कन लगाने का प्रावधान होने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। दुकानदारों ने सवाल उठाया—

  • “जहां सबसे ज्यादा भीड़ है, वहां 70–75% नाला खुला क्यों रखा जा रहा है?”

  • “गिरने–फिसलने की घटनाएं रोजाना होते–होते बच रही हैं। क्या दुर्घटना का इंतजार हो रहा है?”

  • “ग्राहक दुकान तक आने में डरेंगे—यह व्यापार पर सीधा असर करेगा।”

कई जगह तो नाली बनी है पर किनारों की मिट्टी तक नहीं भरी गई, जिससे रास्ता बंद हो गया है और पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। स्थानीय निवासियों विवेक मद्धेशिया, अवधेश गुप्ता, बलराम त्रिपाठी, रविंद्र गुप्ता, मृत्युंजय सिंह, शंकर यादव, राजकुमार जायसवाल, बब्बू तिवारी, रामेश्वर यादव, राजेंद्र गौण, रमेश सहित अन्य लोगों ने कहा— “यहां 100% ढक्कन जरूरी है। यह भीड़भाड़ का इलाका है। सिर्फ टेंडर का हवाला देकर जनता की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला जा सकता।”


गुणवत्ता पर भी सवाल — ‘काम जल्दबाजी में, मानक गायब!’

स्थानीय लोगों का आरोप है कि—

  • नालियों की चौड़ाई कम है,

  • ढक्कन की मोटाई मानक अनुसार नहीं,

  • कई स्थानों पर गुणवत्ता में अनियमितता दिख रही है।

एक व्यापारी ने कहा—

“सड़क बन रही है, लेकिन नाले का ढक्कन न होना सबसे बड़ी समस्या है। दुर्घटना कभी भी हो सकती है।”


ठेकेदार का बयान — ‘हम टेंडर के अनुसार ही काम कर रहे हैं’

निर्माण कार्य देख रहे ठेकेदार ने बताया—

“टेंडर में केवल 30% हिस्से पर ही ढक्कन लगाने का प्रावधान है।
हम उसी के अनुसार काम कर रहे हैं। जहां ढक्कन निर्धारित है, वहां जल्द लगा दिया जाएगा।”


AXEN गोरखपुर आर.पी. सिंह का आश्वासन — ‘आवश्यकता अनुसार ढक्कन लगवाएंगे, शिकायतें दूर होंगी’

PWD के एक्सीयन आर.पी. सिंह ने कहा—

“सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जहां आवश्यकता होगी, वहां ढक्कन लगवाया जाएगा।
लोगों की समस्याएं दूर की जाएंगी।”

सफेद गिट्टी और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के सवाल पर उन्होंने कहा—

“सैंपल लैब में भेजकर ही इसका पता चलेगा।”


स्थानीयों की एकजुट मांग — ‘30% नहीं, 100% ढक्कन अनिवार्य हो!’

टेकवार चौराहा और बाजार क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि—

  • पूरे बाजार क्षेत्र में नाली पूरी तरह ढकी हो,

  • दुर्घटना-मुक्त चौराहा बनाया जाए,

  • गुणवत्ता मानक का कड़ाई से पालन हो,

  • और कार्य की नियमित निगरानी की जाए।


सड़क तो सुंदर बनेगी, लेकिन बिना सुरक्षा अधूरी!

खजनी–बांसगांव मार्ग पर तेजी से निर्माण चल रहा है, परंतु सुरक्षा संबंधी चूक लोगों में असंतोष पैदा कर रही है। यह मामला सिर्फ नाली ढक्कन का नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा, दुर्घटना की आशंका, और मानक निर्माण से जुड़ा है।

अब देखने की बात है— क्या प्रशासन भीड़भाड़ वाले चौराहे को सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठाएगा या टेकवार चौराहा खुली नालियों के साथ खतरे का केंद्र बना रहेगा?