जब कर्तव्य पुकारे, तो सैनिक बनते हैं उम्मीद की किरण — हर्षिल राहत अभियान में RAJRIF कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन की अगुवाई में सेना का अदम्य साहस

5 अगस्त की दोपहर से, संकट की घड़ी में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है भारतीय सेना।
RAJRIF के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन के नेतृत्व में 150 जांबाज़ जवानों की टीम दिन-रात राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है।
कर्नल हर्षवर्धन के ताज़ा अपडेट्स से स्पष्ट है कि हर फंसे हुए नागरिक को सुरक्षित बाहर निकालना सेना की प्राथमिकता है। इस अभियान को और तेज़ व प्रभावी बनाने के लिए अतिरिक्त सैन्य बल, आर्मी ट्रैकर डॉग्स, ड्रोन, लॉजिस्टिक ड्रोन, और खुदाई मशीनें हर्षिल क्षेत्र में सक्रिय कर दी गई हैं।
सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से
-
ज़रूरी दवाइयाँ,
-
राहत सामग्री,
-
और फंसे लोगों की निकासी
लगातार चल रही है।
लगातार बारिश और बढ़ते जलस्तर को देखते हुए स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पहुँचाया जा रहा है।
यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, मानवता के लिए समर्पित एक मिसाल है।
"जब कर्तव्य बुलाता है, हम साहस के साथ जवाब देते हैं" — यह सिर्फ एक वाक्य नहीं, सेना के जज़्बे और जमीनी सच्चाई का प्रमाण है।
जय हिन्द!