सावन में सन्नाटा: अवसानेश्वर मंदिर में करंट का कहर, भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की मौत, 38 घायल

सावन में सन्नाटा: अवसानेश्वर मंदिर में करंट का कहर, भगदड़ में दो श्रद्धालुओं की मौत, 38 घायल
  • सावन के पहले सोमवार पर आस्था की भीड़ में मातम, मंदिर परिसर में हादसे से हड़कंप

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश:
श्रावण के पहले सोमवार को जहां श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए उमड़े थे, वहीं अवसानेश्वर मंदिर (थाना लोनीकटरा क्षेत्र) में सुबह 3 बजे एक दर्दनाक हादसा घट गया। बिजली का हाई वोल्टेज तार अचानक टूटकर मंदिर परिसर में गिर पड़ा, जिससे टिन शेड में करंट फैल गया और वहां मौजूद दर्जनों श्रद्धालु उसकी चपेट में आ गए।

हादसे के दौरान भगदड़ मच गई। इस दुर्घटना में प्रशांत (22) पुत्र रामकृपाल (निवासी: मुबारकपुर, लोनीकटरा) और एक अज्ञात श्रद्धालु (25) की त्रिवेदीगंज सीएचसी में इलाज के दौरान मौत हो गई।

घटना का कारण

स्थानीय लोगों का मानना है कि एक बंदर के बिजली के तार पर कूदने से तार टूट गया। उस क्षण मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ मौजूद थी, जिससे अफरातफरी और भगदड़ की स्थिति बन गई।

घायल श्रद्धालुओं का हाल

  • त्रिवेदीगंज सीएचसी में 10 घायल श्रद्धालु लाए गए, जिनमें से 5 की हालत गंभीर होने के कारण रेफर कर दिया गया।

  • हैदरगढ़ सीएचसी में 26 घायल श्रद्धालुओं का इलाज चल रहा है, जिनमें से एक की हालत नाजुक बनी हुई है।

घायलों की प्रमुख सूची:

  1. रंजीत (26) पुत्र साहबदीन – मोहदीपुर सतरिख

  2. पलक (13) पुत्री रंजीत – रामछतौरा कोठी

  3. संध्या (24) पुत्री महेश – भुलभुलिया कोठी

  4. सुंदरम सिंह (14) पुत्र सरतेज – मोहदीपुर कोठी

  5. लक्ष्मी (18) पुत्री पवन – बिबियापुर घाट कोठी

  6. अमन (18) पुत्र बाबादीन – गढ़ी घोसियामऊ सुबेहा

  7. बैजनाथ (22) पुत्र जगजीवन – सुबेदारपुरवा, हैदरगढ़

स्थिति पर नियंत्रण

प्रशासन ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया। पूरे इलाके में शोक की लहर है, लेकिन मंदिर में अब स्थिति सामान्य बताई जा रही है और श्रद्धालु अनुशासित रूप से दर्शन कर रहे हैं।

जांच जारी

जिला प्रशासन ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। विद्युत विभाग से लेकर मंदिर प्रबंधन तक सभी कोणों से घटना की छानबीन की जा रही है।

श्रद्धा के सैलाब में दर्द की बिजली फूटी… सावन के पहले सोमवार पर यह हादसा हर किसी को झकझोर गया है। प्रशासन को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।